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Sep 29, 2010

कमल विहार में गरीबों के लिए 5 नहीं 15 प्रतिशत विकसित भूखंड भवन निर्माण कर दिया जाएगा – श्री कटारिया



क्रिकेटर कपिलदेव ने भी सराहा कमल विहार को
रायपुर 29 सितंबर 2010, रायपुर विकास प्राधिकरण ने कहा है कि कमल विहार योजना में गरीबों को 5 नहीं 15 प्रतिशत विकसित भूखंड तथा भूखंडों में भवन निर्माण कर दिया जाएगा जो लगभग 56 एकड़ (32.15 हेक्टेयर) होता है. कुछ स्वार्थी तत्व और भूमाफिया गलत ढंग से व्याख्या कर आम जनता में भ्रम फैला रहे हैं. ऐसे लोग कमल विहार योजना को मिल रही भारी सफलता से बखौला गए और अब वे गरीबों के नाम पर योजना का दुष्प्रचार कर रहे हैं.
प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अमित कटारिया ने कहा है कि नियमों के अनुसार गरीबों को योजना में उपलब्ध विकसित आवासीय भूमि का 15 फीसदी या पन्द्रह प्रतिशत क्षेत्र के चौथाई हिस्सें में भवन निर्माण कर दिए जाने का प्रावधान है. छत्तीसगढ़ शासन और रायपुर विकास प्राधिकरण ने गरीबों के लिए बेहतर विकल्प चुनते हुए उन्हें 15 प्रतिशत आवासीय भूखंडों में भवन का निर्माण कर देने का निर्णय लिया है. श्री कटारिया ने बताया कि योजना का कुल क्षेत्रफल अर्थात स्कीम एरिया 647.84 हेक्टेयर है. इसमें आमोद-प्रमोद हेतु क्षेत्रीय उद्यान व नगर उद्यान, तालाब का क्षेत्र, श्मशान भूमि का क्षेत्र, सड़कों का क्षेत्र, आरडीपी की सड़के अर्थात मास्टर प्लॉन में प्रस्तावित की सड़कें, टीडीएस सड़क अर्थात कमल विहार योजना की प्रस्तावित सड़के, व्यावसायिक भूमि यथा सीबीडी, व्यावसायिक पट्टी, योजना में पूर्व से अनुमोदित अभिन्यास का क्षेत्र शामिल है. फलस्वरुप कुल 213.42 हेक्टेयर विकसित आवासीय भूमि उपलब्ध हो रही है.
प्राधिकरण ने कहा है कि कमल विहार योजना का विरोध कर रहे लोग योजना के कुल क्षेत्रफल अर्थात 647.84 हेक्टेयर का 15 प्रतिशत के आधार पर गणना कर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं जबकि यह गणना योजना में उपलब्ध कुल उपलब्ध विकसित आवासीय भूमि 213.42 हेक्टेयर से किया जाना चाहिए. कमल विहार योजना में उपलब्ध 213.42 एकड़ की आवासीय भूमि का 15 प्रतिशत 32.013 हेक्टेयर होता है किन्तु प्राधिकरण ने गणना से कुछ अधिक भूमि अर्थात 32.15 हेक्टेयर अर्थात 56 एकड़ भूमि का प्रावधान गरीबों के लिए किया है जिसमें भवनों का निर्माण कर आवंटन किया जाएगा.
श्री कटारिया ने कहा कि प्राधिकरण प्रारंभ से ही अपनी योजनाओं में भवन निर्माण कर नागरिकों को आवासीय मकान उपलब्ध कराता रहा है. चूंकि वर्तमान में प्राधिकरण की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ है तथा ऐसी स्थिति में प्राधिकरण चाहता तो नियमों के अनुरुप गरीबों को विकसित भूखंडो के चौथाई हिस्से मे ही मकान बना कर दे देता. किन्तु गरीबों को अधिक सुविधा देने के उद्देश्य से विकसित भूखंडों में मकान बना कर देने का निर्णय एक लोकहितकारी निर्णय है. यह कहा जा सकता है कि छत्तीसगढ़ शासन और रायपुर विकास प्राधिकरण गरीबों को नियम के आधार पर चार गुना अधिक भूमि भवन निर्माण कर देगा.
श्री कटारिया ने आगे कहा कि कमल विहार को मिल रही खासी लोकप्रियता से लग रहा है कि लोग राजधानी में बरसों से ऐसी योजना की प्रतीक्षा में थे. उन्होंने कहा कि सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया से 5 सौ करोड़ रुपए के ऋण की स्वीकृति मिलने के बाद हम योजना में शीघ्र काम शुरु करने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि योजना में जो भूस्वामी भूखंड के लिए सहमति दे रहें है उन्हें पूर्ण विकसित भूखंड दिया जाएगा और जो मुआवाजा चाहते हैं उन्हे कलेक्टर दर पर मुआवाजा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्राधिकरण नगर विकास की ऐसी 7 और योजनाओं पर कार्य कर रहा है. शहर के नियोजित विकास की अवधारणा वाली ऐसी योजनाओं के क्रियान्वयन से राजधानी रायपुर का स्वरुप ही बदल जाएगा.    

      क्रिकेटर कपिलदेव ने भी सराहा कमल विहार को
पिछले दिनों रायपुर आए प्रसिध्द क्रिकेटर कपिलदेव ने भी रायपुर विकास प्राधिकरण की कमल विहार योजना की सरहाना की थी. छत्तीसगढ़ क्रिकेट एसोसियेशन के सचिव राजेश दवे और छत्तीसगढ़ लॉन टेनिस एसोसियेशन के सचिव गुरुचरण सिंह होरा रायपुर प्रवास के दौरान कपिलदेव को नया रायपुर में बना अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम दिखाने ले गए थे. कपिलदेव को नई राजधानी, पुरखौती मुक्तांगन दिखाया गया. लौटते समय उन्हे रायपुर विकास प्राधिकरण की कमल विहार योजना की जानकारी देते हुए क्षेत्र भी दिखाया गया. उन्हे बताया गया कि यह छत्तीसगढ़ राज्य में जनभागीदारी की सबसे पहली और बड़ी आवासीय योजना है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कपिलदेव नें कहा कि ऐसी अच्छी योजना बननी ही चाहिए जिससे लोग सुकून से रह सके. उन्होंने रायपुर के प्रापर्टी के रेट के बारे में पूछा और हंसते हुए कहा कि हमको को यहां एक प्लॉट दिलवा देना.   


नगर विकास योजना – 04 कमल विहार योजना में भूमि पुनर्गठन का विवरण
कमल विहार योजना में भूमि का वितरण (योजना व सेक्टर स्तर पर)
विवरण
क्षेत्रफल
(हेक्टेयर में)
योजना का कुल क्षेत्रफल
647.84
भूमि का उपयोग
(1) आमोद-प्रमोद उपयोग हेतु क्षेत्र
  () क्षेत्रीय उद्यान (बोरिया तालाब)
  () नगर उद्यान


103.98
25.43
(2) तालाब का क्षेत्र
0.83
(3) श्मशान भूमि का क्षेत्र
3.27
(4) सड़कों का क्षेत्र         
 () आरडीपी सड़क (मास्टर प्लॉन में प्रस्तावित)
 () टीडीएस सड़क (कमल विहार में प्रस्तावित)


54.12
19.50
(5) व्यावसायिक भूमि (नगर विकास योजना)
 () सीबीडी
 () व्यावसायिक पट्टी

8.02
2.31
(6) अनुमोदित अभिन्यास / वर्तमान निर्माण क्षेत्र
37.38
(7) पुनर्गठित व्यावसायिक क्षेत्र
5.83
(8) शैक्षणिक प्रयोजन क्षेत्र
  () नर्सरी स्कूल () प्राईमरी स्कूल () हाई स्कूल
5.75
(9) स्वास्थ्य प्रयोजन क्षेत्र
    () स्वास्थ्य केन्द्र (डिस्पेन्सरी, नर्सिंग होम, पॉली क्लीनिक) 
2.40
(10) जनपयोगी सुविधाएं  
(बस स्टैन्ड, फायर ब्रिगेड, विघुत सब स्टेशन पुलिस स्टेशन इत्यादि)       
0.32
(11) योजना के आंतरिक मार्ग          
94.61
(12) उद्यान खेल मैदान     
38.52
कुल आवासीय क्षेत्रफल
213.42
आर्थिक रुप से कमजोर वर्गों के लिए (EWS भूखंड)  
213.42 हेक्टेयर का 15.00 % = 32.01 हेक्टेयर                        
32.15

Sep 24, 2010

कमल विहार में अधोसंरचना विकास के लिए सेन्ट्रल बैंक ने स्वीकृत किए 5 सौ करोड़


अक्टूबर से शुरु होगा रिंग रोड का निर्माण
दो साल में ही बन जाएगा कमल विहार श्री कटारिया
रायपुर 24 सितंबर 2010, देश की सबसे बड़ी योजना नगर विकास योजनाओं में से एक कमल विहार में अधोसंरचना विकास के लिए सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने 5 सौ करोड़ रुपए का ऋण स्वीकृत कर दिया है. रायपुर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अमित कटारिया के अनुसार सेन्ट्रल बैंक सदर बाजार शाखा के चीफ मैनेजर देवेन्द्र प्रसाद द्वारा भेजी गई स्वीकृति के बाद अब कुछ औपचारिकताओं के साथ आवश्यकतानुसार बैंक से राशि का आहरण किया जा सकेगा. श्री कटारिया ने बताया कि बैंक से ऋण मिलने के बाद अब हमें उम्मीद है कि हम दो साल में ही कमल विहार को पूरा विकसित कर देगे.  
श्री कटारिया ने कहा कि जिस तरह से कमल विहार के लिए जनसमर्थन मिल रहा है उसे देखते हुए हमें उम्मीद है कि अगले दो साल में कमल विहार विकसित हो जाएगा. उन्होंनें बताया कि अगले माह कमल विहार में योजना स्तर के सड़क निर्माण के लिए निविदाएं जारी कर दी जाएगी. इसकी विस्तृत प्रोजेक्ट रिर्पोट तैयार की जा रही है. श्री कटारिया ने कहा कि कमल विहार योजना के 16 जुलाई को अस्तित्व में आ जाने के बाद से योजना क्षेत्र के भूस्वामी अपनी अविकसित भूमि के बदले में पुनर्गठित विकसित भूखंड लेने के लिए काफी उत्साहित है और वे इस हेतु अपने शपथ पत्र के साथ लिखित सहमति भी दे रहे हैं. प्राधिकरण भूस्वामियों को उनकी अविकसित भूमि के बदले पुनर्गठित विकसित भूखंड अथवा कलेक्टर दर पर भूमि के मुआवाजा लेने के लिए लिखित रुप से सूचना दे कर उनकी सहमति प्राप्त कर रहा है. प्राधिकरण ने 30 सितंबर तक भूस्वामियों से उनकी सहमति मांगी है. सहमति के अभाव में योजना क्षेत्र की भूमि को अनिवार्य भूअर्जन हेतु राज्य शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा फलस्वरूप भूस्वामियों को पुनर्गठित विकसित भूखंड लेने का लाभ नहीं मिल पाएगा.
प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि अक्टूबर में कमल विहार का विकास कार्य शुरु किए जाने की संभावना है. 16 सौ एकड़ क्षेत्र में विकसित होने वाले कमल विहार में सबसे पहले 26 करोड़ रुपए की लागत से 3.36 किलोमीटर लंबी रिंग रोड निर्माण किया जाएगा. इस हेतु 28 सितंबर को निविदाएं डाली जाएगी. 75 मीटर चौडे रिंग रोड के मुख्य मार्ग में चार लेन तथा दो सर्विस लेन होगी. इसके अतिरिक्त सड़क के साथ स्ट्रीट लाईटिंग, सर्विस डक्ट, भूमिगत नालियां, हरित गलियारा, फुटपाथ व सायकल ट्रैक का प्रावधान किया गया है. पुराने धमतरी रोड व नए धमतरी रोड के मध्य ग्राम डूंडा, बोरियाखुर्द, टिकरापारा, देवपुरी व डुमरतराई के क्षेत्र में विकसित होने वाली कमल विहार योजना छत्तीसगढ़ में जनभागीदारी की पहली नगर विकास योजना है. 

Sep 19, 2010

आरडीए के एम्यूजमेंट पार्क में दी जाने वाली सुविधा देश में पहली बार - डॉ. रमन सिंह


रायपुरा के निवासियों को रिक्रिएशन पार्क की आजीवन सदस्यता 25 हजार रुपए में - श्री मूणत

रायपुर 19 सितंबर 2010, मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने कहा है कि युवाओं व बच्चों के लिए राजधानी रायपुर में पहली बार एम्यूजमेंट की ऐसी आधुनिक सुविधाएं लाई जा रही है जो देश में कही नहीं है. आरडीए द्वारा रायपुरा में बनाया जा रहा रिक्रिएशन पार्क सभी के आकर्षण का केन्द्र होगा. उन्होंने कहा कि अब रायपुर को राजधानी के अनुरुप विकसित किया जा रहा है. जिसमें सड़क नाली बिजली पानी की बुनियादी सुविधाओं के साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी कार्य योजनाएं भी बनाई जा रही हैं. श्री सिंह ने कहा कि रायपुर विकास प्राधिकरण शहर के चारो ओर बेहतर कालोनी का निर्माण कर रहा है. वे आज रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा रायपुरा में छत्तीसगढ़ के पहले रिक्रिएशन पार्क व अन्तर्राष्ट्रीय स्वीमिंग पूल के भूमिपूजन के अवसर पर बोल रहे थे.
         मुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने मजदूरों के पसीने के महत्व को समझा है इसलिए सरकार आने वाले समय में प्रदेश के मजदूरों के लिए सौ करोड़ रुपए खर्च करेगी. उन्होंने घोषणा की कि अब गरीबी रेखा के ऊपर अर्थात एपीएल मजदूरों को भी बीपीएल कार्ड धारकों की तरह ही स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएंगी. इसके अन्तर्गत श्रमिकों को 30 हजार रुपए तक की स्वास्थ्य सुविधा का लाभ निजी तथा सरकारी अस्पतालों में मिलेगा. उन्होंने कहा कि मजदूरों के बच्चों को शिक्षा के लिए 5 सौ से 5 हजार रुपए तक की सुविधा दी जाएगी. डॉ. सिंह ने कहा कि मजदूरों के हित के लिए सरकार ने कई कदम उठाएं हैं. जिसमें एक लाख रुपए की बीमा योजना, महिला मजदूरों की प्रसूति पर 5 हजार रुपए तथा उनके पतियों को पत्नी की सेवा करने पर 2 हजार रुपए दिए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा की असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के कार्य की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था शासन द्वारा की जा रही है. प्रशिक्षण के दौरान 10 हजार रुपए भी दिए जाएंगे. महिला श्रमिकों को कार्य स्थल में जाने के लिए सायकल तथा बड़ी उम्र की महिलाओं को सिलाई मशीन दी जाएगी. लेकिन यह सुविधाएं उन्हीं मजदूरों को दी जाएगी जो श्रम विभाग में अपना पंजीयन करवाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 10 सालों में छत्तीसगढ़ का जीडीपी बढ़ कर शतप्रतिशत हो गया है. इसका श्रेय़ छत्तीसगढ़ की 2.10 करोड़ जनता को जाता है. उन्होंने बताया कि गत तीन सालों में छत्तीसगढ़ में प्रति व्यक्ति आय में 9 प्रतिशत की वृध्दि हुई है जो केरल, महाराष्ट्र और हरियाणा से भी कही बेहतर है.
         सांसद रमेश बैस ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आरडीए के रिक्रिएशन पार्क और अन्तर्राष्ट्रीय स्वीमिंग पूल निर्माण का मेरा सपना 5 साल बाद पूरा हो रहा है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ अब विकसित राज्यों की तरह आगे बढ़ रहा है. श्री बैस ने कहा रायपुर शहर विकास की दिशा में जिस गति से आगे बढ़ रहा उसके लिए मुख्यमंत्री और आवास एवं पर्यावरण मंत्री बधाई के पात्र है. श्री बैस ने कहा कि किसी भी विकास के कार्य में पहले थोड़ी असुविधा होती है पर जब लोगों को इसका लाभ होने लगता है तब उन्हे एहसास होता है कि सही काम हो रहा है.
          आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री राजेश मूणत ने कहा कि आरडीए का रिक्रिएशन पार्क और अन्तर्राष्ट्रीय स्वीमिंग पूल जनता को एक सौगात है. राजधानी बनने के बाद अन्तर्राष्ट्रीय स्वीमिंग पूल की आवश्यक्ता थी सो वह आज पूरी हो रही है. मनोरंजन के साधनों की कमी यहां काफी लंबे समय से महसूस की जा रही थी वह भी आज साकार होने जा रही है. उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता इस बात की है कि शहर को व्यवस्थित रुप से विकसित किया जाए. श्री मूणत ने आगे कहा कि टाटीबंध में मैकेनिक नगर के पास एक और ट्रांसपोर्टनगर विकसित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि मध्यम आय वर्ग के लिए रायपुरा में इन्द्रप्रस्थ फेज 2 नाम की योजना भी लाई जा रही है. रायपुरा में थोक बाजार लाने का भी प्रस्ताव है. श्री मूणत ने घोषणा की कि रायपुरा के क्षेत्र में रह रहे निवासियों को रिक्रिएशन पार्क और अन्तर्राष्ट्रीय स्वीमिंग पूल में 25 हजार रुपए में आजीवन सदस्यता दी जाएगी. प्राधिकरण की कमल विहार योजना की चर्चा करते हुए आवास एवं पर्यावरण मंत्री ने कहा कि इस योजना में सारी सुविधाएं देने के कारण इसे व्यापक जन समर्थन मिल रहा है.
           प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री एस.एस.बजाज ने छत्तीसगढ़ के पहले रिक्रिएशन पार्क एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के स्वीमिंग पूल निर्माण के संबंध में योजना की जानकारी देते हुए बताया कि इसका निर्माण कोलकाता की डेव्हलपर एजेंसी पंचामृत इंटरटेनमेंट प्रा. लिमिटेड द्वारा किया जाएगा. यह योजना रायपुर विकास प्राधिकरण की नगर विकास योजना क्रमांक एक के अन्तर्गत आती है. लगभग 18.77 एकड़ क्षेत्र में बनने वाले इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 45 करोड़ रुपए होगी. उम्मीद है कि यह योजना लगभग साढ़े तीन साल में तैयार हो जाएगी. योजना की भूमि के विक्रय से प्राधिकरण को 3 करोड़ 75 लाख रुपए की आय होगी तथा हर साल 5 लाख 31 हजार रुपए लायसेंस फीस के रुप में भी मिलेगें. यह योजना दरअसल डेव्हलपर एजेसी पंचामृत इंटरटेनमेंट प्रा.लिमिटेड और रायपुर विकास प्राधिकरण का एक संयुक्त उपक्रम है. पंचामृत इंटरटेनमेंट लिमिटेड रिक्रिएशन पार्क एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्वीमिंग पूल का निर्माण अपने संसाधनों से कर उसका संचालन करेगी. उन्हें यह भूमि 30 वर्ष की लीज पर दी गई है तथा लीज अवधि को दो बार 30 - 30 वर्ष के लिए नवीनीकरण किया जा सकेगा.
          श्री बजाज ने बताया कि रिक्रिएशन पार्क के अन्तर्गत लैंड बेस्ड राइड में रोलर कोस्टर, मून वॉकर, स्पायरल स्लाइडस, बैलेंसिंग ब्रिज, काम्बिनेशन सेट, एनाकोंडा हारर राइड, आक्टोपस, मेरी-गो-राऊंड, ड्रैगन कोस्टर डबल लूप, कोलबंस, पैरा ट्रूपर, स्ट्राकिंग कार, टॉय ट्रेन, प्ले ग्राऊंड, किड्स राइड्स, वाटर वर्ल्ड में चेरापूंजी हिल, रेन डॉंस, वेव पूल, वाटर फिल्म, अम्ब्रेला शॉवर, स्पायरल स्लाइड, प्राइवेट बोट, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का स्वीमिंग पूल, होटल, मल्टीपरपस हॉल, रेस्टॉरेन्ट,काफी शाप, हेल्थ क्लब, शॉपिंग काम्पलेक्स, किड्स कार्नर, पार्किंग स्थल का प्रावधान किया गया है.
           कार्यक्रम में रायपुर ग्रामीण के विधायक श्री नंद कुमार साहू, छत्तीसगढ़ बीज विकास निगम के अध्यक्ष श्री श्याम बैस, माधवराव सप्रे वार्डे के पार्षद श्री दीनबंधु सिंह ठाकुर, आरडीए के पूर्व उपाध्यक्ष श्री वर्धमान सुराना, आवास एवं पर्यावरण विभाग के विशेष सचिव श्री एम.के.त्यागी, प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री एस.एस. बजाज, मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अमित कटारिया, डेव्हलपर पंचामृत इन्टरटेंनमेंट प्रा.लिमिटेड कोलकाता के निदेशक एवं संचालक श्री रामरतन चौधरी, श्री कैलाश चंद दुजारी,श्री शैलेश केडिया सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे.

आरडीए ने पंचामृत इंटरटेनमेंट को रिक्रेएशन पार्क एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्वीमिंग पूल की भूमि का कब्जा सौंपा

रायपुर 19 सितंबर 2010, छत्तीसगढ़ के पहले रिक्रिएशन पार्क एवं अन्तराष्ट्रीय स्वीमिंग पूल निर्माण हेतु आज प्राधिकरण ने पंचामृत इंटरटेनमेंट प्रा. लिमिटेड से हुए अनुंबध के अनुसार भूमि का कब्जा प्रदान किया. प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अमित कटारिया ने पंचामृत इंटरटेनमेंट प्रा. लिमिटेड के निदेशक व संचालक श्री रामरतन चौधरी, श्री कैलाश चंद दुजारी, श्री शैलेष केडिया को इन्द्रप्रस्थ डुप्लेक्स योजना के अन्तर्गत 18.77 एकड़ क्षेत्र में बनने वाले रिक्रेएशन पार्क एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के स्वीमिंग पूल निर्माण के लिए भूमि का अधिपत्य पत्र सौंपा. इस अवसर पर प्राधिकरण के अधीक्षण अभियंता श्री डी.एस.परौहा, कार्यपालन अभियंता श्री पी.आर.नारंग, सहायक अभियंता श्री के.पी. देवांगन, राजस्व अधिकारी श्री प्रणव सिंह, सी.ए. श्री बंकिम शुक्ला व श्री संजय सक्सेरिया, मॉडलर कंसलटेंट के श्री असित भट्टाचार्य, श्री सायन मुखर्जी, पंचामृत इंटरटेनमेंट प्रा. लिमिटेड के श्री अशोक सिंह, श्री प्रकाश कोठारी उपस्थित थे.   

Sep 18, 2010

छत्तीसगढ़ के पहले रिक्रिएशन पार्क एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्वीमिंग पूल का भूमिपूजन 19 को


रायपुर विकास प्राधिकरण की योजना
छत्तीसगढ़ के पहले रिक्रिएशन पार्क एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्वीमिंग पूल का भूमिपूजन 19 को
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह होंगे मुख्य अतिथि

रायपुर 18 सितंबर 2010, छत्तीसगढ़ के पहले रिक्रिएशन पार्क एवं अन्तराष्ट्रीय स्वीमिंग पूल निर्माण का कल 19 सितंबर को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह भूमि पूजन करेंगे. यह कार्यक्रम इन्द्रप्रस्थ डुप्लेक्स - रायपुरा में शाम 4 बजे सम्पन्न होगा. सांसद श्री रमेश बैस कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे. विशेष अतिथि के रुप में लोक निर्माण मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री राजेश मूणत, रायपुर ग्रामीण के विधायक श्री नंद कुमार साहू तथा माधवराव सप्रे वार्ड के पार्षद श्री दीनबन्धु सिंह ठाकुर उपस्थित रहेंगे.
इस योजना के बारे में रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री एस.एस.बजाज और मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अमित कटारिया ने बताया कि रिक्रिएशन पार्क एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्वीमिंग पूल का निर्माण नगर विकास योजना 01 के अन्तर्गत इन्द्रप्रस्थ डुप्लेक्स योजना ग्राम रायपुरा में किया जा जाएगा. योजना का क्षेत्र लगभग 18.77 एकड़ है. रिक्रिएशन पार्क एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्वीमिंग पूल रायपुर विकास प्राधिकरण व पंचामृत इंटरटेनमेंट प्रा. लिमिटेड कोलकाता का एक सयुंक्त उपक्रम है. डेव्हलपर एजेंसी पंचामृत इंटरटेनमेंट प्रा. लिमिटेड लगभग लगभग 25 करोड रुपए की लागत से साढ़े तीन साल में इस प्रोजेक्ट को पूरा करेगी.
रिक्रिएशन पार्क के अन्तर्गत लैंड बेस्ड राइड में रोलर कोस्टर, मून वॉकर, स्पायरल स्लाइडस, बैलेंसिंग ब्रिज, काम्बिनेशन सेट, एनाकोंडा हारर राइड, आक्टोपस, मेरी-गो-राऊंड, ड्रैगन कोस्टर डबल लूप, कोलबंस, पैरा ट्रूपर, स्ट्राकिंग कार, टॉय ट्रेन, प्ले ग्राऊंड, किड्स राइड्स, वाटर वलर्ड में चेरापूंजी हिल, रेन डॉंस, वेव पूल, वाटर फिल्म, अम्ब्रेला शॉवर, स्पायरल स्लाइड, प्राइवेट बोट, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का स्वीमिंग पूल, होटल, मल्टीपरपस हॉल, रेस्टॉरेन्ट,काफी शाप, हेल्थ क्लब, शॉपिंग काम्पलेक्स, किड्स कार्नर, पार्किंग स्थल का प्रावधान किया गया है. उल्लेखनीय है कि रायपुर विकास प्राधिकरण ने शहर विकास की दिशा में एक साथ कई दिशाओं में कार्य कर रही है. राज्य शासन के सहयोग से प्राधिकरण की देवेन्द्रनगर योजना में निर्माणाधीन छत्तीसगढ़ सिटी सेन्टर कम मल्टीप्लेक्स भी कुछ ही महीनों में सौगात के रुप में राजधानी वासियो को मिलेगा. जनभागीदारी के साथ नगर विकास की एक बेहतरीन योजना कमल विहार भी इन दिनों प्रगति पर है जिसे तीन सालों में पूरा करने का लक्ष्य है. प्राधिकरण की नगर विकास की अन्य सात योजनाओं पर भी काम कर रहा है. आने वाले दिनों में ऐसी योजनाओं से शहर का स्वरुप ही बदल जाएगा.  

Sep 4, 2010

कमल विहार योजना प्रकाशन के बाद टुकड़ों में रजिस्ट्री वालों को भूखंड नहीं

मूल भूमि में स्वामियों के साथ शामिल होंगे या मुआवजा ले सकेंगे   भूस्वामियों में भूखंड लेने का भारी उत्साह

रायपुर04सितंबर2010, रायपुर विकास प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि कमल विहार योजना में 20 नवंबर 2009 के बाद भूमि को अलग-अलग टुकड़ों में बांट कर की गई रजिस्ट्री के आधार पर भूस्वामियों को भूखंडों का आवंटन नहीं किया जाएगा.किन्तु जिन भूस्वामियों ने प्रारुप के प्रकाशन तिथि तक रिकार्ड में दर्ज संपूर्ण या संयुक्त भूमि का विक्रय कर रजिस्ट्री की है ऐसे भूस्वामियों को विकसित पुनर्गठित भूखंड दिया जाएगा.
           प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अमित कटारिया ने कहा कि कमल विहार योजना क्षेत्र के कई भूस्वामियों ने योजना प्रकाशन के बाद अपनी भूमि को छोटे-छोटे भूखंडों में विभाजित कर दूसरों के नाम पर रजिस्ट्री की है. प्राधिकरण का कहना है कि योजना क्षेत्र में किसी भी प्रकार से भूमि विक्रय किए जाने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है किन्तु प्रकाशन तिथि के पश्चात भूमि को विभाजित कर की गई रजिस्ट्री के धारिकों को अलग से भूखंड नहीं दिया जाएगा.ऐसे रजिस्ट्रीधारियों को तत्समय राजस्व रिकार्ड में दर्ज मूल भूमि अर्थात संयुक्त भूमि के स्वामियों के साथ शामिल किया जाएगा अथवा यदि ऐसे रजिस्ट्रीधारी सहमत ना हो तो वे मूल संयुक्त भूमि का मुआवजा ले सकतें हैं.
श्री कटारिया ने कहा है कि छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 50 (3) के अन्तर्गत छत्तीसगढ राजपत्र में 20 नवंबर 2009 को प्रारुप योजना का प्रकाशन किया गया था.चूंकि कमल विहार योजना का पूरा अभिन्यास 20 नवंबर 2009 की तिथि में उपलब्ध राजस्व रिकार्ड का आधार पर तैयार किया गया है. रिकार्ड के अनुसार संपूर्ण क्षेत्र की गणना कर अभिन्यास तैयार किया है.योजना छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संपूर्ण राजस्व व तकनीकी परीक्षण के उपरांत स्वीकृत की गई है. इसलिए योजना प्रकाशन के बाद की तिथियों में टुकड़ों में की गई रजिस्ट्री धारकों को अलग से कोई भूखंड नहीं दिया जाएगा वरन उन्हें संयुक्त भूमि में शामिल किया जाएगा या उन्हें कलेक्टर गाईड लाईन के आधार पर संयुक्त भूमि का मुआवजा देय होगा.
       उधर जनभागीदारी की कमल विहार योजना के 16जुलाई से अस्तित्व में आने के बाद अब भूस्वामियों में विकसित पुनर्गठित भूखंड लेने के लिए काफी उत्साह है. कई भूस्वामी प्राधिकरण कार्यालय में पहुंच कर अपने भूखंड आवंटन संबंधित पत्र प्राप्त कर रहे हैं. भूस्वामियों ने विकसित भूखंड के संबंध में प्रक्रिया की जानकारी भी ली.श्री कटारिया के अनुसार कमल विहार योजना के लगभग साढ़े 6 हजार भूस्वामियों को विकसित पुनर्गठित भूखंड आवंटित करने के सबंध में प्राधिकरण ने पत्र सहित संपूर्ण योजना की जानकारी का विवरण भेजना शुरु कर दिया है.प्राधिकरण कार्यालय पहुंचने वाले भूस्वामियों को हाथों-हाथ आवंटन पत्र दिया जा रहा है.श्री कटारिया ने बताया कि कि जिन भूस्वामियों के पते प्राधिकरण के पास है उन्हें विकसित भूखंड आवंटन पत्र भेजा जा रहा है किन्तु जिन भूस्वामियों के पते प्राधिकरण के पास नहीं है वे कार्यालय में संपर्क कर अपना पत्र प्राप्त कर सकते हैं.