रायपुर, 7 अक्टूबर 2014, खाड़ी के देशों में से एक ओमान में जिंदल
समूह के लिए कार्य कर रहे शुभांशु झा ने रायपुर विकास प्राधिकरण की कमल विहार
योजना में अपना मकान बनाने के लिए एक प्लॉट खरीदा है. इसे तकनीक का कमाल कहें या
उनके अपने शहर रायपुर के प्रति प्रेम का. श्री झा ने ओमान में बैठे – बैठे ही कमल विहार
में अपना मकान बनाना का जो सपना देखा था उसकी दिशा में आज एक कदम और आगे बढ़ाया
हैं.
दरअसल जबसे श्री झा को कमल विहार योजना के बारे में पता चला
तब से वे इंटरनेट और फोन के जरिए आरडीए के अधिकारियों के लगातार संपर्क में थे. पिछले
महीने उन्होंने आरडीए की वेबसाईट से आवेदन पत्र डॉऊनलोड किया और ओमान के अपने बैंक
के माध्यम से रायपुर विकास प्राधिकरण के बैंक खाते में प्लॉट की धरोहर राशि जमा
कराई और अपना आवेदन कोरियर के माध्यम से प्राधिकरण के कार्यालय भेजा. आरडीए ने
लाटरी वाले दिन सभी के आवेदन के साथ उनका भी आवेदन खोला. श्री झा ने अपनी पसंद का
जो प्लॉट मांगा था उसमें कोई प्रति स्पर्धा नहीं होने के कारण वह प्लॉट उन्हें
आवंटित हो गया. प्लॉट आवंटित होने के बाद उन्होंने ईमेल के माध्यम से प्लॉट आवंटन
के आदेश की प्रतिलिपि मांगी. आरडीए से आवंटन आदेश की प्रति मिलते ही उन्होंने
रायपुर के एक बैंक से संपर्क किया तो बैंक ने उन्हें रायपुर आकर औपचारिकता पूरी
करने के लिए कहा. रायपुर आने के बाद वे बैंक गए तो वहां अधिकारियों ने उन्हें आरडीए
से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लाने के लिए कहा. बस इसी काम से वे आज प्राधिकरण के कार्यालय आए थे. उन्होंने
प्राधिकरण में राजस्व अधिकारी पुलक भट्टाचार्य और सहायक राजस्व अधिकारी श्री
आर.एस. दीक्षित से मिल कर एनओसी की बात
बताई तो प्राधिकरण के अधिकारियों ने उन्हें चाय पिलाई और हाथो – हाथ एनओसी दे दी.
श्री झा ने प्राधिकरण के मुख्य अभियंता श्री जे.एस. भाटिया से भी मुलाकात की और
कमल विहार के विकास के संबंध में जानकारी ली. बाद में आरडीए के अधिकारियों ने
उन्हें कमल विहार में उनको आवंटित प्लॉट दिखाया. उन्हें जिस सेक्टर में प्लॉट मिला
है वहां अभी विकास कार्य चल रहा है. पहली बार कमल विहार का मुआयना करने के बाद
उन्होंने कहा कि मैं कमल विहार के कार्य से मैं बेहद संतुष्ट हूं और खुश हूं कि
मैं यहां अपना मकान बनाऊंगा. विकास के मामले में मैं कमल विहार को नौ में से दस
नंबर देता हूं.