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Jun 12, 2011

कमल विहार योजना पूरे देश के लिए मिसाल बनेगी – श्री सुनील सोनी

कमल  विहार योजना की एक परिकल्पना
 देश की सबसे बड़ी शहर विकास योजनाओं में से एक कमल विहार  का भूमिपूजन आज
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह होगें मुख्य अतिथि
रायपुर 11 जून 2011, छत्तीसगढ़ में शहर विकास की नई अवधारणा वाली समन्वित विकास की नगर विकास योजना कमल विहार में कल से विकास कार्य शुरु हो जाएगा. छत्तीसढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह राज्य की ऐसी पहली योजना का ग्राम डूंडा में शाम 4 बजे भूमिपूजन करेगें. लगभग 815 करोड़ रुपए लागत वाली इस योजना का भूमिपूजन कल केपीएस स्कूल के सामने होगा. भूमिपूजन कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसद श्री रमेश बैस करेगें. कार्यक्रम के विशिष्टि अतिथि के रुप में प्रदेश के मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, श्री राजेश मूणत, विधायक श्री नंद कुमार साहू, महापौर श्रीमती किरणमयी नायक उपस्थित रहेंगी. 

 प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री सुनील सोनी के अनुसार योजना के क्रियान्वयन से राज्य में सुव्यवस्थित शहरी विकास की दिशा में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि भविष्य में पूरे देश के लोग कमल विहार योजना का उदाहरण दे कर अन्य राज्यों में भी इसे अपनाएंगे. श्री सोनी ने कहा कि 1600 एकड़ क्षेत्र में बनने वाली नगर विकास योजना प्लॉटों के पुनर्गठन की योजना है. जिसमें आवासीय, व्यावसायिक, आमोद प्रमोद, सार्वजनिक, अर्ध सार्वजनिक, चौड़ी सड़कें जल प्रदाय, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लॉंट सहित कई आधुनिक सुविधाएं होगी. यह योजना जनभागीदारी के साथ नगर विकास की योजना है जो पहली बार छत्तीसगढ़ में क्रियान्वित की जाएगी. श्री सोनी ने कहा योजना पहले अधोसंरचना का विकास फिर बसाहट के सिध्दांत पर आधारित है.
कमल विहार योजना की एक और परिकल
मल विहार योजना रायपुर धमतरी के नए और पुराने मार्ग के बीच ग्राम डूंडा, बोरियाखुर्द, डुमरतराई, देवपुरी व टिकरापारा के क्षेत्रों में विकसित की जाएगी. 15 सेक्टरों में विभाजित कमल विहार योजना में भूस्वामियों को उनकी अविकसित भूमि के बदल 35 से 58 प्रतिशत क्षेत्र के विकसित भूखंड दिए जाएगें. यह भूखंड उनकी भूमि या उसके आसपास ही दिए जाएगें. योजना में 75 मीटर की एक रिंग रोड व बायपास रोड होगी. इसमें सायकल ट्रैक आकर्षण का केन्द्र होगा. योजना में 24 घंटे 7 दिन जलप्रदाय किए जाने की परिकल्पना है. नालियां भी भूमिगत होगी तथा सड़कों से समानातंर सीवर लाईन का निर्माण किया जाएगा. इसके अतिरिक्त जल मल शोधन के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लॉट भी लगाया जाएगा. इससे उपचारित शोधित जल का पुनः उपयोग उद्यानों की सिंचाई के लिए किया जाएगा.
        आर्थिक रुप से कमजोर वर्गों लिए कमल विहार में विकसित भूखंडों का 15 प्रतिशत अर्थात 79.14 एकड़ क्षेत्र आरक्षित रखा गया है. योजना में भूस्वामियों की संख्या 5095 है. सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया रायपुर नें योजना के अधोसंरचना विकास के लिए 500 करोड़ रुपए का ऋण स्वीकृत किया है. प्राधिकरण ने योजना लगभग 3 वर्षों में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा है. प्राधिकरण व्दारा अधोसंरचना विकास के लिए योजना में विक्रय योग्य आरक्षित भूमि का विक्रय कर राशि अर्जित की जाएगी.
कमल विहार योजना में बनने वाली रिंग रोड
 प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री सुनील कुमार सोनी, उपाध्यक्षव्दय श्री रतन लाल डागा व श्री प्रफुल्ल विश्वकर्मा तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री ए. के. अग्रवाल देश की सबसे बड़ी योजनाओं में से एक कमल विहार के भूमि पूजन के ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने की अपील की है.


  

छत्तीसगढ़ शासन व्दारा योजना पर दी गई छूट
* राज्य शासन व्दारा भूमि के बदल विकसित भूखंड आवंटन पर पंजीयन शुल्क से छूट * भूस्वामियों को आवंटित होने वाले विकसित भूखंड पर भूभाटक या अन्य कोई शुल्क देय नहीं * विकसित सभी भूखंड फ्री होल्ड होगें * भू स्वामियों को भूमि विक्रय करने के लिए किसी प्रकार की अनुमति की आवश्यक्ता नहीं * छोटे भूमि स्वामी जिन्हें 565 1042 वर्गफुट आकार के भूखंड आवंटित हैं को निर्धारित पात्रता से एक स्लैब ऊपर का भूखंड आवंटन का विकल्प दिया गया, अन्तर का क्षेत्रफल न्यूनतम दर पर देय होगा.      

कमल विहार योजना से भूस्वामियों को लाभ
* खाली पड़ी अविकसित भूमि के बदले सुविधायुक्त विकसित भूखंड * भूस्वामियो की भूमि के स्थान पर या आसपास ही विकसित भूखंड दिए जाएंगे * हर भूखंड फ्री होल्ड होगा, किसी भूखंड से कोई भू-भाटक नहीं लिया जाएगा. * भूखंड विक्रय करने की पूर्णतः छूट. कोई अनुमति लेने की आवश्‍यकता नहीं * विधि मान्य भूखंड होने से भवन का नक्शा पास कराने में कोई परेशानी नहीं * वित्तदायी संस्थाओं व बैंक इत्यादि से ऋण लेने के लिए सुविधाजनक   * नगर तथा ग्राम निवेश व्दारा स्वीकृत योजना होने के कारण भूखंड के मूल्य में तेजी व लगातार वृद्धि होने से भूस्वामियों को अधिक से अधिक लाभ की संभावना * चौड़ी सड़कों के निर्माण के कारण पार्किंग एवं यातायात की समस्‍या नहीं * सुगम यातायात हेतु 2 फ्लाईओवर का निर्माण प्रस्तावित * छोटे भू-स्‍वामियों को भूखंड के अभिन्‍यास अनुमोदन की आवश्‍यकता नहीं, केवल सक्षम प्राधिकारी से भवन अनुज्ञा प्राप्त करनी होगी * योजना में राजधानी रायपुर का पहला सी.बी.डी. अर्थात केंद्रीय व्‍यावसायिक क्षेत्र विकसित होगा * आमोद - प्रमोद की सुविधा * उन भूस्वामियों को भी आवासीय भूखंड मिलेंगे जिनकी भूमि मास्टर प्लॉन में सड़क या आमोद-प्रमोद के भू-उपयोग के लिए प्रस्तावित है * सार्वजनिक अर्ध्दसार्वजनिक, सामाजिक, सांस्‍कृतिक, प्रशासनिक, शिक्षा व स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं उपलब्ध होगी.