आवास का मानचित्र पास कराया और बनाया शोरूम
उच्च न्यायालय के रोकने के आदेश के बाद भी बनाया कॉम्पलेक्स
रायपुर,
27 जनवरी 2020/ जिला प्रशासन ने उच्च न्यायालय के आदेश पर कमल विहार योजना में
मोहनलाल धनगर व्दारा बनाए गए व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स को शनिवार को सील कर दिया। नायब
तहसीलदार श्री राकेश देवांगन ने उच्च न्यायालय व्दारा कलेक्टर रायपुर को दिए गए
आदेश के बाद यह कार्रवाई की।
रायपुर विकास प्राधिकरण की कमल विहार योजना में मोहनलाल धनगर
के चार प्लॉट है। प्लॉट नंबर ए -29,
ए-30,ए-30ए व ए-31
आवासीय प्लॉट है। इस पर मोहनलाल धनगर
व्दारा व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स का निर्माण कर इसे टाटा हिताची के शोरुम के लिए
किराये पर दे रखा है। प्राधिकरण ने निर्माण के दौरान 4 मार्च 2017
को भूखंडधारी को नोटिस दे कर कहा था
कि उक्त भूखंडों का मानचित्र आवासीय प्रयोजन है जिस पर उसके व्दारा व्यावसायिक
निर्माण किया जा रहा है। अतः निर्माण कार्य स्वीकृत मानचित्र एवं आवास प्रयोजन
हेतु ही किया जाए, अन्यथा प्राधिकरण व्दारा इसे हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
प्राधिकरण के इस नोटिस के विरोध में भूखंडधारी मोहनलाल धनगर
ने उच्च न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया। फलस्वरुप प्राधिकरण ने भी माननीय उच्च
न्यायालय में अपना पक्ष रखा और बताया कि आवेदक व्दारा स्वीकृत निर्माण के विरुध्द
निर्माण कर रहा है। इस पर माननीय उच्च न्यायालय ने आवेदक को व्यावसायिक निर्माण
रोकने का आदेश दिया। किन्तु आवेदन ने न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर अपना निर्माण
कार्य जारी रखा और पूरा व्यावसायिक कॉमप्लेक्स बना लिया। इस पर प्राधिकरण ने
माननीय उच्च न्यायालय में मोहनलाल धनगर के विरुद्ध आदेश की अवमानना का आवेदन
प्रस्तुत किया। उच्च न्यायालय ने इस पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रायपुर से प्रकरण
पर रिपोर्ट मांगी। रिपोर्ट के बाद 23 जनवरी को हुई सुनवाई
में उच्च न्यायालय ने कलेक्टर रायपुर को निर्देश दिया कि उक्त प्लॉट में बने भवन
में हो रही सभी गतिविधियों को रोका जाए तथा परिसर को बंद स्थिति में रखा जाए।
माननीय उच्च न्यायालय के इस आदेश के बाद कलेक्टर रायपुर के
निर्देश के बाद नायब तहसीलदार श्री राकेश देवांगन ने रायपुर विकास प्राधिकरण के राजस्व
अधिकारी सुश्री नेहा भेडिया और कर्मचारियों की उपस्थिति में मोहनलाल धनगर व्दारा
बनाए गए शोरुम कॉम्पलेक्स को सील कर दिया। उच्च न्यायालय में अब इस मामले में
सुनवाई अगले हफ्ते होगी।