रायपुर 25 अगस्त 2015, रावांभाठा ट्रांसपोर्ट
नगर में जिन लोगों ने प्लॉट लेने के बाद से अपनी दुकानों, वर्कशॉप इत्यादि का
निर्माण कार्य़ शुरु नहीं किया था रायपुर विकास प्राधिकरण की लगातार नोटिस मिलने और
अधिकारियों के स्थल निरीक्षण के बाद अब अधिकांश लोगों ने तेजी से निर्माण करना शुरु
कर दिया है.
प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एम. डी.
कावरे और मुख्य अभियंता श्री जे.एस. भाटिया ने पिछले कुछ समय से लगातार स्थल निरीक्षण
कर आवंटितों को भूखंड पर निर्माण करने के लिए प्रोत्साहित किया है. प्राधिकरण ने
गत 16 अप्रैल को कई साल पहले से आवंटित प्लॉटों पर निर्माण नहीं करने वाले 26
आवंटितियों के भूखंडों का आवंटन निरस्त कर दिया था. प्राधिकरण व्दारा आवंटितियों
के साथ किए गए पट्टा निष्पादन की कंडिका 4 में इस बात का उल्लेख है कि यदि आवंटिति
निर्धारित अवधि में निर्माण कार्य नहीं करता है तो उसका पट्टा निरस्त कर दिया
जाएगा. इसके बाद इसमें से 22 लोगों ने
नोटिस मिलने के बाद से निर्माण शुरु किया है. इसी दौरान प्राधिकरण ने ऐसे और 58 आवंटितियों
की पहचान कर निर्माण कार्य करने के लिए नोटिस दिया था जिस पर सभी आवंटितियों ने
निर्माण कार्य शुरु कर दिया है.
डॉ. खूबचंद बघेल ट्रॉंसपोर्टनगर में 29 आवंटिति ऐसे पाए
गए थे जिन्होंने प्लॉट पर आधा - अधूरा निर्माण कर रखा था. इन लोगों में से किसी ने
सिर्फ नींव तक, तो किसी ने लिंटल लेवल तक, तो किसी ने छत की ऊंचाई तक दीवारें खड़ी
कर निर्माण अधूरा छोड़ रखा था. ऐसे सभी लोगों ने भी अब नोटिस मिलने के बाद से प्लॉट
पर निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया है. प्राधिकरण के सीईओ श्री कावरे ने अनुसार यह
कार्रवाई इसीलिए की जा रही है ताकि बिलासपुर मार्ग और रिंग रोड पर खड़े रहने वाले
बड़े और छोटे माल वाहक ट्रांसपोर्ट नगर से ही अपना व्यवसाय संचालित करे. यहां
ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों के लिए पार्किंग सहित अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध है.
10 लाख से अधिक राशि के बकायादारों की सूची का सार्वजनिक
प्रकाशन होगा
रायपुर, 25 अगस्त 2015, प्राधिकरण के सीईओ श्री कावरे ने
आज रायपुर विकास प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में वसूली की स्थिति की समीक्षा की.
समीक्षा में सहायाक राजस्व अधिकारी ने जानकारी दी कि प्राधिकरण को कुल 17.78 करोड़
रुपए की वसूली करना है. इस हेतु बड़े बकायादारों के नामों की एक अलग सूची तैयार की
जाए तथा ऐसे बकायादारो की सूची का समाचार पत्रों में नाम प्रकाशित कर सूचना दी जाए
ताकि राशि की वसूली हो सके.