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Oct 13, 2010

कमल विहार योजना में पार्क या बोरिया तालाब बेचने की बात मूर्खतापूर्ण

कमल विहार जैसी 7 नई योजनाओं की खबर से भूमाफियों के होश उडें

नियोजित विकास के विरोधी अब मानसिक रुप से दिवालिया होने की कगार पर

           रायपुर 13अक्टूबर 2010,रायपुर विकास प्राधिकरण ने कहा है कि नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा अनुमोदित अभिन्यास अर्थात लेआऊट में रीजनल पार्क और बोरिया तालाब को बेचा ही नहीं जा सकता है.ऐसा कहने वाले कथित जानकार लोगों को इस बात का ज्ञान है नहीं है या वे जानबूझ ऐसा प्रायोजित दुष्प्रचार कर रहे हैं.
            प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अमित कटारिया का कहना है कि नगर तथा ग्राम निवेश विभाग व्दारा अनुमोदित लेआऊट में सार्वजनिक उपयोग की भूमि का स्पष्ट उल्लेख होता है.जिसमें उद्यान,खुले मैदान,सड़क,विद्युत स्टेशन इत्यादि शामिल है.लेआऊट में व्यावसायिक एवं आवासीय भूखंड भूमि उपयोग के आधार पर ही स्वीकृत किए जाते हैं.इस प्रकार की सामुदायिक एवं खुले स्थान एवं सुविधाओं की भूमि नहीं बेची जा सकती है.प्राधिकरण का कहना है कि रीजनल पार्क के साथ–साथ कमल विहार योजना के अन्तर्गत आने वाले बोरिया तालाब का संरक्षण कर इसे सुन्दर बनाया जाएगा.जिससे तालाब के पानी का निस्तारी के लिए बेहतर रुप से उपयोग हो सके.
         रायपुर विकास प्राधिकरण ने आगे कहा है कि कमल विहार जैसी सात नई योजनाएं तैयार करने की खबर से भूमाफियों के होश उड़ गए हैं.वे अब मनगढ़ंत दुष्प्रचार करने के लिए खबरों को भी प्रायोजित कर रहे हैं.प्राधिकरण का कहना है कि रीजनल पार्क या तालाब को बेचने की बात करने वाले कथित लोग अपने मानसिक रुप से दीवालियापन का सबूत दे रहे हैं.ये कथित जानकार दरअसल वही दलाल और भूमाफिया है जो अपने स्वार्थ के लिए कई सालों से रायपुर शहर को गंदे शहर के रुप में विकसित करने के दोषी है.ये लोग नहीं चाहते कि शहर का सुनियोजित विकास हो.जबकि कमल विहार में पुनर्गठित विकसित भूखंड लेने के लिए अब तक अधिकांश भूस्वामियों ने अपनी सहमति दे दी है.

साल भर से कह रहे हैं कि कोर्ट जाएंगे पर अब तक नहीं गए
           रायपुर में कई सालों से भूमाफिया और जमीन से धंधे से जुड़े लोगो ने आम जनता को झूठे सपने दिखा कर अवैध भूखंड तो बेचे है साथ ही उद्यान,मैदान और अन्य सार्वजनिक उपयोग की भूमि को भी कई बार बेच डाला है.ऐसे लोग अब अपने स्वार्थ के लिए मनगंढ़त तर्क दे कर जनता को भरमा रहे हैं.यहां तक कि वे समाचारों को भी प्रायोजित कर रहें हैं.प्राधिकरण का कहना है कि ऐसे जमीन के दलाल पिछले एक साल से कह रहे है कि वे कमल विहार योजना को नहीं बनने देगें और कोर्ट जाएंगे पर आज तक कोई भी कोर्ट नहीं गया.ये कथित जानकार लोग चाहते तो संचालक नगर तथा ग्राम निवेश के पास कमल विहार योजना के लागू होने के एक महीने के अन्दर अपील कर सकते थे पर वे जानते है कि जिस वैधानिक स्वरुप में कमल विहार योजना तैयार की गई है वे उसके क्रियान्वयन को कानूनी रुप से नहीं रोक सकते हैं.प्राधिकरण ने कहा कि उसने पूरे नियमों के आधार पर लोकहित में कमल विहार योजना बनाई है.फिर भी यदि किसी को लगता है कि उसके साथ अन्याय हो रहा है तो उसे न्यायालय की शरण में जाना ही चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए.

बार-बार झूठी बातें कह कर जनता को दिग्भ्रमित करने की कोशिश
            प्राधिकरण का कहना है कि विकास विरोधी लोग अपने स्वार्थ के लिए मनगंढ़त खबरों के व्दारा दुष्प्रचार कर रहे है.जो बातें प्राधिकरण ने नहीं कही है वे उसे काल्पनिक रुप से बना कर झूठा प्रचार कर रहे है.जनता भी यह समझ रही है कि कमल विहार के संबंध में प्राधिकरण व्दारा दी जा रही जानकारी को भी तोड़ – मरोड़ कर छपवाया जा रहा है.