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Sep 8, 2016

इंदौर शहर विकास के अनुभवों का उपयोग रायपुर में भी करेंगे – श्री संजय श्रीवास्तव

आरडीए की टीम ने विकास योजनाएं देखी, बदले हुए नियम प्रक्रिया को भी समझा
इंदौर विकास प्राधिकरण की टीम भी आएगी कमल विहार देखने


रायपुर08 सितंबर 2016, इंदौर शहर के विकास कार्यों का अध्ययन कर लौटी रायपुर विकास प्राधिकरण की टीम ने वहां के अनुभवों की कुछ बेहतर बातों को रायपुर शहर विकास के संदर्भ में लागू करने के लिए विचार मंथन शुरु कर दिया है. इंदौर शहर के विकास कार्यों का अध्ययन करने कल प्राधिकरण की टीम इंदौर पहुंची थी जिसमें उपाध्यक्षव्दय श्री गोवर्धन दास खंडेलवाल, श्री रमेश सिंह ठाकुर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एम.डी. कावरे और मुख्य अभियंता श्री जे.एस. भाटिया शामिल थे.
प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव ने आज रायपुर वापस लौटने के बाद कहा कि इंदौर विकास प्राधिकरण ने उनके विकास कार्यों के संबंध में कई बातें अपने प्रेजेन्टेशन के माध्यम से बताई हैं. उनके इस अनुभव का उपयोग हम रायपुर शहर के विकास के लिए भी करेंगे. इसके पहले आज इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री शंकर लालवानी, उपाध्यक्षव्दय श्री हरिनारायण यादव व श्री ललित पोरवाल तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री राकेश सिंह ने आरडीए की टीम का स्वागत् किया और उन्हें अपने कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. आरडीए के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव ने इंदौर विकास प्राधिकरण को भी देश की सबसे बड़ी नगर विकास योजनाओं में से एक कमल विहार योजना के अवलोकन के लिए आमंत्रित किया है.
आरडीए की टीम ने कल इंदौर विकास प्राधिकरण की विभिन्न विकास योजनाओं का अवलोकन किया. जिसमें 13 किलो मीटर लंबे 8 लेन वाले सुपर कॉरिडोर वाली दीर्घकालिक योजना, पिपल्यापाला रीजनल पार्क, विभिन्न व्यावसायिक एवं आवासीय योजनाएं, कारपोरेट सोशल रिसपांसबिलिटी के अन्तर्गत क्रियान्वित योजनाओं को देखा था. आज उन्होंने विकास योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रक्रिया और उसमें आई समस्याओं तथा उसके निराकरण पर चर्चा की. इंदौर विकास प्राधिकरण के सीईओ ने प्रस्तुत प्रेजेन्टेशन के माध्यम से यह भी बताया कि राज्य शासन ने मध्यप्रदेश ग्राम तथा नगर निवेश अधिनियम, मध्यप्रदेश भूमि व्ययन नियमों में भी संशोधन किया ताकि योजनाओं का उचित ढ़ंग से क्रियान्वयन किया जा सके. उन्होंने बताया कि वे विकास - निर्माण कार्यों में सुपरविजन चार्ज के रुप में 16 प्रतिशत तक की राशि का प्रावधान करते हैं. यही नहीं वरन मध्यप्रदेश शासन ने इंदौर विकास प्राधिकरण की योजनाओं में भूभाटक निर्धारण का अधिकार भी वहां के संचालक मंडल को दिया है. इसके अलावा वे राज्य शासन के कई विकास और निर्माण कार्य डिपाजिट वर्क के रुप में करते हैं.