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Aug 20, 2015

कमल विहार के विकास और निर्माण पर कोई रोक नहीं

- निवेशकों को डरने की आवश्यक्ता नहीं - 

रायपुर 20 अगस्त 2015रायपुर विकास प्राधिकरण ने कहा है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने कमल विहार योजना के विकास और निर्माण कार्यो में किसी प्रकार की कोई रोक नहीं लगाई है. माननीय न्यायालय ने 13 अपीलकर्ताओं की 30 एकड़ भूमि को कमल विहार में से पृथक करने की अपील को मान्य किया है. प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव और मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एम. डी. कावरे ने कहा कि प्राधिकरण हमेशा की तरह माननीय न्यायालय के निर्णय का पूरी तरह से सम्मान और पालन करेगा. निवेशकों को इससे डरने की आवश्यक्ता नहीं. 

श्री कावरे के अनुसार कमल विहार के निवेशकों को इससे डरने की आवश्यक्ता नहीं है. उन्होंने कहा कि कमल विहार योजना ‘‘लैंड पूलिंग‘‘ का एक बेहतरीन उदाहरण है. केन्द्र शासन ने भी कमल विहार की लैंड पूलिंग की तरह नगर विकास योजना बनाने के निर्देशसभी राज्यों को दिए हैं. उल्लेखनीय है कि कमल विहार देश की सबसे बड़ी नगर विकास योजनाओं में से एक है जो जनभागीदारी के साथ 1600 एकड़ में विकसित की जा रही है. इसके विकसित होने से अवैध रुप से हो रही प्लॉटिंग से प्रभावित लोगों को काफी राहत मिली है. कमल विहार के योजना क्षेत्र में आने वाले 90 प्रतिशत भूमि स्वामियों ने योजना में स्वयं को शामिल करने  के लिए अपनी लिखित सहमति दी है. योजना में कुल 4969 भूमि स्वामी जिन्हें अब विकसित भूखंड दिए जा रहे हैं. योजना में आज तक 748 लोगों ने अपने विकसित भूखंड का कब्जा ले लिया है. योजना में अब तक 85 प्रतिशत विकास और निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है. इसके अतिरिक्त प्राधिकरण के विकास कार्यों के व्यय राशि के लिए 1195 भूखंडों में से लगभग 700 भूखंडों का विक्रय किया जा चुका है. जिससे 300 करोड़ रुपए राशि किस्तों में प्राप्त होगी. जिसमें से 150 करोड़ रुपए प्राधिकरण को प्राप्त हो चुके हैं. जबकि  योजना में आवासीय के अतिरिक्त, व्यावसायिक, सार्वजनिक तथा अर्धसार्वजनिक, स्वास्थ्य तथा शैक्षणिक भूखंड भी उपलब्ध कराए गए हैं. योजना में बुनियादी सुविधाओं के लिए अधोसंरचना भी विश्व स्तर की है. यह योजना इतनी लोकप्रिय हुई है कि छत्तीसगढ़ के कई निवासी जो विदेशों में काम कर रहे हैं उन्होंने भी इसमें अपने और अपने परिवारों के लिए भूखंड लिए हैं. छत्तीसगढ़ प्रदेश सहित कई अन्य बड़े नगरों के लोगों ने भी यहां भूखंड खरीदे हैं.
कमल विहार को नए और उन्नत नगरों की अभिनव योजना की ईको सिटी श्रेणी में राष्ट्रीय स्तर पर हडको डिजाईन अवार्ड 2012  13 भी प्राप्त हुआ है. योजना की लोकप्रियता के चलते इसका अध्ययन करने के लिए की कई संस्थाओं ने इसका दौरा किया. योजना में भूमि अर्जन की लैंड पूलिंग पालिसी का अध्ययन करने के लिए भारत सरकार नई दिल्ली से नगर तथा ग्राम निवेश संगठन, दिल्ली विकास प्राधिकरण, आंध्रप्रदेश की नई राजधानी बनाने वाली टीम और अफगानिस्तान में न्यू काबुल सिटी विकसित करने वाले योजनाकारों के दल ने भी यहां भ्रमण किया