कमल विहार में बिजनेस के प्लॉट की छूट 21 नवंबर तक
रायपुर, 17 नवंबर
2016, कमल विहार में बिजनेस
प्लॉट की बम्पर सेल के फ्रीहोल्ड विकसित भूखंडों मे दी जा रही 30 प्रतिशत की छूट की
अंतिम तारीख 21 नवंबर 2016 है. प्राधिकरण व्दारा आवासीय, स्वास्थ्य तथा शैक्षणिक
प्लॉटों पर भी प्रो रेटा आधार पर 15 प्रतिशत की छूट भी दी जा रही है. प्राधिकरण के
अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव के अनुसार संचालक मंडल के निर्णय के अनुसार 45 दिनों
तक ही यह छूट दी गई है.
फ्रीहोल्ड
प्लॉटस देने कैम्प की शुरुआत हुई
कमल विहार में एक सौ
नए भूखंड भी आवंटन के लिए उपलब्ध होंगे
रायपुर 17 नवंबर 2016, रायपुर विकास प्राधिकरण कार्यालय
में 15 नवंबर से कमल विहार योजना तथा
इन्द्रप्रस्थ योजना के भूस्वामियों को उनकी भूमि के बदल विकसित फ्रीहोल्ड प्लॉट
देने के लिए कैंप की शुरुआत हो गई है. प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री
एम.ड़ी. कावरे ने बताया कि इस कैंम्प में दो तरह के अनुबंध किए जाएंगे. पहले
अनुबंध में भूस्वामियों को प्राधिकरण व्दारा योजना में विकसित भूखंड देने
तथा उसका पंजीयन रजिस्ट्रार कार्यालय में होगा. दूसरे अनुबंध में भूस्वामियों को
आवंटित विकसित भूखंड की रजिस्ट्री होगी. इस हेतु एक सौ रुपए का नान जुडिशियल
स्टॉंप, तीन पासपोर्ट फोटो, पहचान कार्ड, ऋण पुस्तिका – बी1 खसरा लाना होगा.
श्री कावरे के अनुसार
कमल विहार के सेक्टर -1 के भूस्वामियों से भी विशेष कैंप में अनुबंध कर उन्हें
विकसित प्लॉट देने की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि अब कमल विहार के
सेक्टर एक में लगभग एक सौ नए भूखंड भी आवंटन के लिए उपलब्ध कराए जा रहे हैं. उन्होंने
बताया कि पहले जिन लोगों को सेक्टर एक में भूखंड आवंटित किए गए थे उन्हें इसी
सेक्टर में अन्य स्थानों पर भूखंड आवंटित किए जा रहे है.
बैंक ट्रांसफर और ड्रॉफ्ट से संपत्तियां खरीदना आसान
रायपुर,17 नवंबर 2016,
रायपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री गोवर्धन खंडेलवाल और श्री रमेश सिंह
ठाकुर ने कहा है कि प्राधिकरण की संपत्तियों को खरीदने के लिए बैंक इलेक्ट्रनिक
ट्रांसफर और बैंक ड्रॉफ्ट से संपत्तियां खरीदना आसान हो गया है. जिन्हें प्लॉट,
फ्लैट्स, दुकान इत्यादि खरीदना हो उन्हें अब आवेदन पत्र के लिए भी नगद राशि जमा
करने की जरूरत नहीं है, ऐसे आवेदक आवेदन व निविदा पत्र नगद खरीदने के बदले उसका
भुगतान बैंक के इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर, चेक अथवा बैंकर्स चेक के माध्यम से भी कर
सकते हैं. प्राधिकरण के नियम के अनुसार 20 हजार के ऊपर की राशि नगद नहीं ली जाती
किन्तु यदि छोटी राशि का भी भुगतान यदि कोई बैंक के माध्यम से करना चाहता है तो वह
प्राधिकरण को स्वीकार्य है.