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Feb 6, 2014

कमल विहार की लाटरी आज

144 भूखंड के लिए 511 वैध आवेदन मिले
आरक्षित वर्ग के लिए 11 बजे, अनारक्षित वर्ग के लिए दोपहर 1 बजे
ऋण की पेशकश की जानकारी के लिए बैंक भी लगाएंगे स्टॉल

रायपुर, 06 फरवरी 2014रायपुर विकास प्राधिकरण की कमल विहार योजना के लिए कल विकसित भूखंडों के आवंटन के लिए लाटरी होगी. प्राधिकरण कार्यालय में सबसे पहले 11 बजे से आरक्षित वर्ग के लिए लाटरी निकाली जाएगी और दोपहर एक बजे अनारिक्षत वर्ग की लाटरी होगी. लाटरी उपस्थित आवेदकों के समक्ष कम्प्यूटर से निकाली जाएगी. जिन आवेदकों की लाटरी निकलेगी उन्हें ऋण देने की पेशकश के लिए सेन्ट्रल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सहित कई अन्य बैंक भी अपना स्टॉल लगाएंगे.   
प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अमित कटारिया के बताया कि विभिन्न श्रेणी के भूखंडों में अनुसूचित जाति / जनजाति वर्ग के 30, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वर्ग में 6, अन्य पिछड़ा वर्ग में 45, सैनिक एवं भूतपूर्व सैनिक वर्ग में 9, शासकीय / रायपुर विकास प्राधिकरण कर्मचारी वर्ग में 9, शारीरिक विकलांग वर्ग में 9 के प्राप्त वैध आवेदन पत्रों की प्रातः 11 बजे से लाटरी की जाएगी. इसके बाद दोपहर एक बजे से अनारक्षित वर्ग की लाटरी होगी. अनारक्षित वर्ग में कुल 403 वैध आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं. प्राधिकरण कार्यालय में अधिकारियों ने लाटरी करने की तैयारी पूरी कर ली है.   
 उल्लेखनीय है कि देश की सबसे बड़ी नगर विकास योजनाओं में से एक कमल विहार को पूरे देश और प्रदेश में लोगो ने हाथों हाथ लिया गया है. दिल्ली, बिहार, पंजाब, गुजरात, उडीसा, मध्यप्रदेश, चंडीगढ़, कैनेडा, अमरीका और दुबई से भी लोगों ने फोन तथा इंटरनेट के माध्यम से योजना की जानकारी ली. इनमें से कई लोगों ने कमल विहार में भूखंड लेने के लिए आवेदन भी किया है. कमल विहार योजना के लिए ऋण देने वाले बैंक सेन्ट्रल बैंक आफ इंडिया ने भी पूरे छत्तीसगढ़ स्थित अपनी शाखाओं के माध्यम से भूखंडों के आवेदन पत्रों का विक्रय किया और उससे जमा भी किया. सेन्ट्रल बैंक की इस सुविधा का प्रदेश और देश के कई भागों मे रह रहे नागरिकों ने इस सुविधा का उपयोग कर कमल विहार में भूखंड लेने के लिए आवेदन पत्र जमा कराए.    

टिकरापारा, बोरियाखुर्द, डूंडा, डुमरतराई और देवपुरी के क्षेत्र में बनी प्राधिकरण की नगर विकास योजना कमल विहार में विश्व स्तरीय अधोसंरचना विकास की जानकारी से नागरिकों ने इस योजना में काफी रुचि दिखाई और विकसित भूखंड लेने के लिए उनमें उत्साह बना रहा.