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Sep 4, 2010

कमल विहार योजना प्रकाशन के बाद टुकड़ों में रजिस्ट्री वालों को भूखंड नहीं

मूल भूमि में स्वामियों के साथ शामिल होंगे या मुआवजा ले सकेंगे   भूस्वामियों में भूखंड लेने का भारी उत्साह

रायपुर04सितंबर2010, रायपुर विकास प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि कमल विहार योजना में 20 नवंबर 2009 के बाद भूमि को अलग-अलग टुकड़ों में बांट कर की गई रजिस्ट्री के आधार पर भूस्वामियों को भूखंडों का आवंटन नहीं किया जाएगा.किन्तु जिन भूस्वामियों ने प्रारुप के प्रकाशन तिथि तक रिकार्ड में दर्ज संपूर्ण या संयुक्त भूमि का विक्रय कर रजिस्ट्री की है ऐसे भूस्वामियों को विकसित पुनर्गठित भूखंड दिया जाएगा.
           प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अमित कटारिया ने कहा कि कमल विहार योजना क्षेत्र के कई भूस्वामियों ने योजना प्रकाशन के बाद अपनी भूमि को छोटे-छोटे भूखंडों में विभाजित कर दूसरों के नाम पर रजिस्ट्री की है. प्राधिकरण का कहना है कि योजना क्षेत्र में किसी भी प्रकार से भूमि विक्रय किए जाने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है किन्तु प्रकाशन तिथि के पश्चात भूमि को विभाजित कर की गई रजिस्ट्री के धारिकों को अलग से भूखंड नहीं दिया जाएगा.ऐसे रजिस्ट्रीधारियों को तत्समय राजस्व रिकार्ड में दर्ज मूल भूमि अर्थात संयुक्त भूमि के स्वामियों के साथ शामिल किया जाएगा अथवा यदि ऐसे रजिस्ट्रीधारी सहमत ना हो तो वे मूल संयुक्त भूमि का मुआवजा ले सकतें हैं.
श्री कटारिया ने कहा है कि छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 50 (3) के अन्तर्गत छत्तीसगढ राजपत्र में 20 नवंबर 2009 को प्रारुप योजना का प्रकाशन किया गया था.चूंकि कमल विहार योजना का पूरा अभिन्यास 20 नवंबर 2009 की तिथि में उपलब्ध राजस्व रिकार्ड का आधार पर तैयार किया गया है. रिकार्ड के अनुसार संपूर्ण क्षेत्र की गणना कर अभिन्यास तैयार किया है.योजना छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संपूर्ण राजस्व व तकनीकी परीक्षण के उपरांत स्वीकृत की गई है. इसलिए योजना प्रकाशन के बाद की तिथियों में टुकड़ों में की गई रजिस्ट्री धारकों को अलग से कोई भूखंड नहीं दिया जाएगा वरन उन्हें संयुक्त भूमि में शामिल किया जाएगा या उन्हें कलेक्टर गाईड लाईन के आधार पर संयुक्त भूमि का मुआवजा देय होगा.
       उधर जनभागीदारी की कमल विहार योजना के 16जुलाई से अस्तित्व में आने के बाद अब भूस्वामियों में विकसित पुनर्गठित भूखंड लेने के लिए काफी उत्साह है. कई भूस्वामी प्राधिकरण कार्यालय में पहुंच कर अपने भूखंड आवंटन संबंधित पत्र प्राप्त कर रहे हैं. भूस्वामियों ने विकसित भूखंड के संबंध में प्रक्रिया की जानकारी भी ली.श्री कटारिया के अनुसार कमल विहार योजना के लगभग साढ़े 6 हजार भूस्वामियों को विकसित पुनर्गठित भूखंड आवंटित करने के सबंध में प्राधिकरण ने पत्र सहित संपूर्ण योजना की जानकारी का विवरण भेजना शुरु कर दिया है.प्राधिकरण कार्यालय पहुंचने वाले भूस्वामियों को हाथों-हाथ आवंटन पत्र दिया जा रहा है.श्री कटारिया ने बताया कि कि जिन भूस्वामियों के पते प्राधिकरण के पास है उन्हें विकसित भूखंड आवंटन पत्र भेजा जा रहा है किन्तु जिन भूस्वामियों के पते प्राधिकरण के पास नहीं है वे कार्यालय में संपर्क कर अपना पत्र प्राप्त कर सकते हैं.

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