प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अमित कटारिया के अनुसार छत्तीसगढ़ शासन राजधानी रायपुर को एक बेहतर शहर के रुप में विकसित करना चाहता है. इसी तारतम्य में शहर के सुनियोजित एवं सुव्यवस्थित विकास की प्लानिंग हेतु छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 के अंतर्गत रायपुर विकास प्राधिकरण को मास्टर प्लान का क्रियान्वयन करना है. श्री कटारिया के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पश्चात राजधानी रायपुर में कृषि योग्य भूमि को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर विक्रय किए जाने की प्रक्रिया काफी तेज हुई है. इससे विकास योजना के नियमों के उल्लघंन के मामलों में भी काफी इजाफा हुआ है. फलस्वरुप राजधानी का नियोजित विकास नहीं हो पा रहा है. यदि इस प्रक्रिया को नहीं रोका गया तो आने वाले समय में रायपुर शहर के चारो ओर अनाधिकृत एवं अनियंत्रित कॉलोनियों की बाढ़ आ जाएगी और यातायात की समस्याएं भी दिनों दिन गंभीर होगी.
श्री कटारिया ने कहा कि रायपुर विकास प्राधिकरण अपनी जिम्मेदारी के अन्तर्गत आठ नगर विकास योजनाओं में अधोसंचना विकास कर शहर को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहा. उन्होंने बताया कि कमल विहार योजना छत्तीसगढ़ में शहरी अधोसंरचना विकास की अपने आप में सबसे पहली बड़ी योजना है. योजना शाखा के गठन से प्राधिकरण भविष्य में करने वाले कार्यों के लिए एक विजन डाक्यूमेन्ट भी तैयार कर सकेगा. श्री कटारिया ने रायपुर विकास प्राधिरकण नें योजना शाखा का गठन करते हुए राजस्व अधिकारी प्रणव सिंह को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया है. इसके अतिरिक्त सहायक अभियंता राजीव कुमार अग्रवाल, मानचित्रकार प्रकाश कोमरे, सहायक अधीक्षक रमेश राव, अनुरेखक दिलीप चन्द्राकर, मोहर्रिर मोहम्मद रज्जाक और भृत्य अमर खंडेलवाल को योजना शाखा में पदस्थ किया गया है. योजना शाखा प्राधिकरण की नई योजनाएं तैयार करने के संबंध में तकनीकी, राजस्व, विधि संबंधी अन्य सभी कार्यों को सीधे मुख्य कार्यपालन के अधीन रह करेगा.
रायपुर विकास प्राधिकरण की नगर विकास योजना का क्षेत्र
नगर विकास योजना | योजना क्षेत्र | क्षेत्रफल (एकड़ में) |
एक | टाटीबंध रायपुरा व सरोना | 1500 |
दो | चंगोराभाठा, भाठागांव, मठपुरैना | 1900 |
तीन | बोरियाखुर्द, डूंडा, मठपुरैना | 2000 |
चार | बोरियाखुर्द, टिकरापारा, देवपुरी, डुमरतराई, डूंडा (कमल विहार) | 1600 |
पांच | देवपुरी, अमलीडीह, फुन्डहर, डुमरतराई | 2300 |
छह | तेलीबांधा, शंकरनगर, लाभान्डी, जोरा | 1100 |
सात | दलदल सिवनी, मोवा, सडढू | 1200 |
आठ | पिरदा, सकरी, कचना | 1865 |
योग | 13465 |