भूस्वामियों के अनुबंध निष्पादन भी स्थल कार्यालय से
रायपुर, 20 अगस्त 2016, कमल विहार में प्लॉट और रो हॉऊस डुप्लेक्स खरीदने वालों को
सीधे रायपुर विकास प्राधिकरण के कार्यालय जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. गत दिनों
मंत्रालय में आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री राजेश मूणत ने समीक्षा बैठक में कहा
था कि प्लॉट विक्रय करने, अनुबंध करने की दिशा में आवेदकों एवं भूस्वामियों को
बेहतर सुविधाएं दी जाएं. इसी परिपेक्ष्य में
प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री संजय
श्रीवास्तव ने निर्देश पर अब स्थल कार्यालय में एक नया सेल कॉऊन्टर सोमवार 22 अगस्त
से प्रारंभ किया जा रहा है. जिसमें मार्केटिंग के तीन कर्मचारियों की डयूटी लगाई
गई है. वे वहां सुबह 10.30 के बाद से शाम 5.30 तक उपलब्ध रहेंगे और सारी जानकारी
देंगे. इसके अतिरिक्त कमल विहार योजना में शामिल भूस्वामियों से प्रथम अनुबंध व
निश्चयात्मक अनुबंध भी अब नियमित रुप से स्थल कार्यालय में भी किया जाएगा.
प्राधिकरण के मुख्य
कार्यपालन अधिकारी श्री एम.डी. कावरे के अनुसार कमल विहार स्थल कार्यालय में यह
व्यवस्था होने से प्लॉट व डुप्लेक्स खरीदने वाले सीधे स्थल पर अपना प्लॉट भी देख
पाएंगे. ऐसे आवेदकों को वहीं उपलब्ध संपत्तियों के बारे में मानचित्र का अवलोकन
करने, आवेदन पत्र के साथ जमा की जाने वाली राशि व अन्य दस्तावेजों इत्यादि सहित
आवेदन पत्र भरने के संबंध में आवश्यक मार्गदर्शन दिया जाएगा. कमल विहार के इस नए
सेल कॉऊन्टर की व्यवस्था प्राधिकरण कार्यालय के अतिरिक्त होगी. श्री कावरे ने
बताया कि पहले लोग प्राधिकरण के कार्यालय में संपत्ति के बारे में जानकारी लेते थे
उसके बाद वे कमल विहार में जा कर प्लॉट तथा प्रस्तावित रो हाऊस डुप्लेक्स का स्थल
देखते थे. इससे बाहर से आने वालों को काफी समय लगता था इसलिए लोगों को सुविधा देने
के लिए यह नई व्यवस्था की गई है.
श्री कावरे ने बताया कि ऐसे भूस्वामी जिन्होंने कमल विहार योजना बनाने में
अपनी भूमि प्राधिकरण को दी है उन्हें विकसित भूखंड देने के लिए प्रथम अनुबंध और
निश्चयात्मक अनुबंध करने के लिए एक अलग टीम कमल विहार स्थल कार्यालय में बैठेगी.
जिसमें प्राधिकरण के राजस्व निरीक्षक श्री रज्जाक खान सहित चार अन्य लिपिकों की
डयूटी लगाई गई है जो नियमित रुप से स्थल कार्यालय में ही बैठेंगे और भूस्वामियों
को आवश्यक जानकारी देते हुए उनसे अनुबंध से संबंधित दस्तावेज तैयार करेंगे ताकि वे
पंजीयक कार्यालय से अपना अनुबंध का निष्पादन कर विकसित भूखंड प्राप्त कर सकें. वर्तमान
में स्थल पर विकसित भूखंड के कब्जा देने की कार्रवाई भी नियमित रुप से की जा रही
है.