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Oct 17, 2016

🔘 कमल विहार में ब्याज की बचत का लाभ जनता को देने के लिए 30 प्रतिशत की छूट

🔘 प्लॉटों का आवंटन नियम से

🔘 आवंटन से संबंधित नक्शे, नियम एवं शर्ते वेवसाईट पर उपलब्ध

 रायपुर, 16 अक्टूबर 2016, रायपुर विकास प्राधिकरण प्रशासन ने कमल विहार योजना के प्लॉटों के संबंध में फैलाई जा रही गलत जानकारी से लोगों को सावधान रहने की अपील की है. प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एम.डी. कावरे ने स्पष्ट किया है कि वह शासन के बनाए गए नियमों के अधीन भूखंडों का विक्रय कर रहा है. जिसके अनुसार आवासीय भूखंडों को लाटरी तथा बिजनेस से संबंधित अन्य सभी प्लॉटों का निविदा के माध्यम से आवंटन कर रहा है. कोई भी व्यक्ति या संस्था प्राधिकरण व्दारा विक्रय की जा रहे प्लॉटों को क्रय कर सकता है. प्राधिकरण की संपत्तियों के बारे में वेबसाईट आरडीए रायपुर डॉट कॉम में नियम एवं शर्तें, आवेदन व निविदा प्रपत्र, नक्शे इत्यादि सब कुछ सार्वजनिक रुप से उपलब्ध है.
 श्री कावरे ने कहा गत दिनों प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव ने उपाध्यक्षव्दय श्री गोवर्धन दास खंडेलवाल व श्री रमेश सिंह ठाकुर की उपस्थिति में विभिन्न व्यवसायी संघों को 11 व 12 जुलाई को कार्यालय आमंत्रित उन्हें व्यवसाय से संबंधित प्लॉटों की उपलब्धता, योजना में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जानकारी देते हुए कमल विहार योजना में पूंजी निवेश कर भूखंड लेने के लिए प्रोत्साहित किया था. इसके बाद से व्यवसायी उत्साहित हैं और व्यवसायी आगे आए हैं और अपने व्यवसाय के लिए नए भूखंड ले रहे हैं.
 बिजनेस के प्लॉटों में 30 प्रतिशत की छूट देने के बारे में श्री कावरे ने कहा कि दरअसल यह कमल विहार योजना के खर्च के लिए ली गई दीर्घकालीन ऋण राशि को समय से पहले जमा कर उसके ब्याज की बचत का हिस्सा है. ब्याज की इस राशि की बचत का लाभ प्राधिकरण सीधे व्यवसायियों को देना चाहता है. इसीलिए प्राधिकरण संचालक ने जनहित में यह फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि यह लगातार गलत रुप से प्रचारित किया जा रहा है कि प्राधिकरण ने आवासीय भूमि पर व्यावसायिक उपयोग के प्लॉट काटे हैं. जबकि सच तो यह है कि प्राधिकरण ने रायपुर के मास्टर प्लॉन में दिए गए भूउपयोग के अनुसार ही व्यावसायिक, सार्वजनिक व अर्द्ध सार्वजनिक, स्वास्थ्य, शैक्षणिक, मिश्रित तथा आवासीय उपयोग के प्लॉट विकसित किए हैं. प्राधिकरण ने किसी भी भूमि का लैंड यूज नहीं बदला है. कमल विहार का पूरा मानचित्र नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से अनुमोदित है. इस पर दिए गए प्रावधानों के अनुरुप जनता की मांग पर बड़े प्लाटों को छोटा कर विक्रय किया गया है. इसी प्रकार प्राधिकरण नियमों के अनुरुप ही व्यावसायिक प्लॉटों को आवश्यक्तानुसार छोटा कर विक्रय कर रहा है.

✅ प्राधिकरण के सीईओ ने आगे कहा कि प्राधिकरण ने बोरिया तालाब के लैंड यूज को बदलने के लिए कभी भी कोई प्रयास नहीं किया है. वहीं राज्य शासन के नगर तथा ग्राम निवेश विभाग ने कमल विहार योजना सहित अन्य योजनाओं में नक्शा पास करने के लिए प्राधिकरण के एक अधिकारी को भवन निर्माण अनुज्ञा अधिकारी के रुप में नामांकित किया है.
 श्री कावरे ने कहा कि बिजनेस प्लॉटों में 30 प्रतिशत की छूट देने का निर्णय प्राधिकरण के संचालक मंडल ने पारित किया है, किन्तु प्राधिकरण ने प्लॉटों की दरें कम नहीं की वरन उसमें सिर्फ 45 दिनों के लिए छूट दी है. संचालक मंडल में कई विभागों के शासकीय अधिकारी तथा जनप्रतिनिधि के रुप में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा अशासकीय सदस्यों की राज्य शासन व्दारा नियुक्ति की गई है. 
  श्री कावरे ने कहा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव की विभिन्न व्यवसायियों से हुई चर्चा के बाद पंडरी कपड़ा व्यवसायियों कमल विहार में प्लॉट लेने पर पहले रुचि दिखाई. पर यह स्पष्ट है कि प्राधिकरण ने उन्हें कोई नक्शा नहीं दिया है वरन यह हो सकता है कि वे अपनी प्रस्तावित कार्य योजना के अनुरुप बनाए गए नक्शे के आधार पर सदस्यों से कमल विहार योजना में प्लॉट लेने की तैयारी कर रहे हों. प्राधिकरण का मानचित्र प्राधिकरण की वेबसाईट आरडीए डॉट कॉम पर है जिसे कोई भी देख सकता है और उसी के आधार पर प्राधिकरण प्लॉटों के लिए निविदा एवं आवेदन स्वीकार कर रहा है. निविदा के नियम स्पष्ट है निर्धारित ऑफसेट दर से अधिक दरों पर ही प्लॉटों का आवंटन होता है. इसी प्रकार आवासीय प्लॉटों का आवंटन निर्धारित दर पर लॉटरी के आधार पर होता है. यह एक सार्वजनिक प्रक्रिया है जो आवेदकों की उपस्थिति में की जाती है.
🔘 कमल विहार के आज 12 करोड़ के, अब तक 21.37 करोड़ के प्लाट बिके
 रायपुर, 17 अक्टूबर 2016, प्राधिकरण कार्यालय में आज बिजनेस के प्लॉटों के लिए निविदा के कुल 41 आवेदन आए. जिसमें एक सार्वजनिक अर्द्ध सार्वजनिक, एक सेक्टर लेवल का व्यावसायिक तथा 35 स्कीम लेवल के प्लॉटों का आवंटन हुआ. इन सभी प्लॉटों की कीमत लगभग 12 करोड़ रुपए होती. इन सभी को निर्धारित 90 दिनों में एक मुश्त राशि जमा कनरे पर 30 प्रतिशत राशि का सीधा लाभ मिलेगा. बिजनेस के प्लॉटो में 7 अक्टूबर से 30 पातिशत की छूट के बाद से आज तक कुल 21.37 करोड़ रुपए के प्लॉटों की ब्रिकी हो चुकी है.