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Mar 27, 2010

कमल विहार योजना से प्लाट खरीदने वालों की जागरुकता बढ़ी

भूस्वामी योजना को जल्दी लागू करने के पक्ष में
रायपुर, 27 मार्च 2010, रायपुर विकास प्राधिकरण की कमल विहार योजना ने एक ओर जहां आम नागरिकों को अवैध प्लाट खरीदने के प्रति सतर्क कर दिया है वहीं दूसरी ओर अवैध रुप से कृषि भूमि को छोटे छोटे प्लाट बना कर बेचने वाले भूमाफियाओं की नींद उड़ गई है. प्राधिकरण में चल रही आपत्ति सुनवाई के दौरान पहुंच रहे कई भूस्वामी अब कहने लगे है कि प्राधिकरण यह योजना जल्द से जल्द लागू करे ताकि उन्हे सही विकसित भूखंड मिल सके.
प्राधिकरण में सुनवाई में पहुंच रहे कई लोगों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अवैध प्लाटिंग करने वाले भूमाफिया रायपुर शहर के आसपास तथा सटे हुए गांवों में किसानों की कई एकड़ कृषि भूमि को सस्ते दामों में खरीद कर उस पर 1000, 1500, 2000, 2500, 4000, 5000 और 10,000 वर्गफुट के आकार के प्लाट बना कर बेचते रहे हैं. कई लोगो ने बताया कि भूमाफिया, किसान और प्लाट खरीददार के बीच एक बिचौलिए की भूमिका में होते हैं. ऐसे बिचौलिओं ने आम जनता को अवैध प्लाट बेचने की अपनी योजना का आकर्षक फोल्डर छपवा कर कुछ समय में अमीर बनने के सब्जबाग दिखाएं. ऐसी योजनाओं में पूंजी निवेश के लिए कई जमीन दलालों के साथ शहर की कई दुकानों के माध्यम से जानकारी दी जाती रहीं. एक साथ या हर महीने की किश्तों पर बिकने वाले प्लाटों के लिए बिचौलिए हर महीने शहर के अच्छे और बड़े होटलों में अवैध प्लाटों की लाटरी निकालते थे. जिसकी लाटरी निकलती उसे किश्तों की राशि नहीं देनी पड़ती थी पर विकास शुल्क लिया जाता था. होटलों में होने वाली लाटरी मे बढ़िया खाना पीना भी होता था. प्लाटिंग के इस अवैध धंधे में किसानों की जमीन खरीदने के एवज में पहले दस बीस प्रतिशत बयाना की राशि दी जाती थी शेष राशि प्लाट बिकने पर समय समय पर दी जाती थी. इस पूरे अवैध धंधे में बिचौलिए अपने नाम पर कोई लेनदेन नहीं करते थे वरन वे किसान की जमीन में बनाए गए प्लाट की रजिस्ट्री सीधे प्लाट खरीदने वाले के नाम पर कर देते थे. कई ऐसे लोग है जिन्हे इन बिचौलिओं ने उनके नाम पर रजिस्ट्री तो करा दी पर आज भी मौके पर उन्हे प्लाट का कब्जा नहीं दिया गया. विकास शुल्क के नाम पर प्लाट की कीमत का बीस प्रतिशत तक की राशि भी किश्तों में ले ली जाती थी. रातो रात अमीर बनने का सपना दिखाने वाले ऐसे बिचौलियों आम जनता को ठग कर स्वयं अमीर बन गए. बिचौलियों ने काफी चतुराई से कागजों पर अपने नाम पर तो कोई सबूत  नहीं रखा पर प्लाटिंग योजना पर उनका पूरा कब्जा होता था. यही बिचौलिए आज कमल विहार का विरोध कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ शासन की कमल विहार योजना के बाद से ना केवल आम जनता सतर्क हो गई है वरन वह कमल विहार योजना को जल्द से जल्द लागू करने का आग्रह कर रही है. प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अमित कटारिया ने आम जनता से अपील की है कि वे भूखंड खरीदते समय हमेशा इस बात का ध्यान रखे कि भूखंड का अभिन्यास सक्षम प्राधिकारी से अनुमोदित है या नहीं. यदि अभिन्यास अनुमोदित नहीं है तो उसे वे ना खरीदें.

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