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Mar 25, 2010

नया रायपुर नई बसाहट, कमल विहार रायपुर का सुव्यस्थित विकास

मास्टर प्लान के बिना गंदी बस्तियां बढ़ेंगी
नया रायपुर नई बसाहट, कमल विहार सुव्यस्थित विकास
रायपुर के विकास के लिए कमल विहार जैसी योजना का कोई विकल्प नहीं
रायपुर, 25 मार्च 2010, रायपुर विकास प्राधिकरण ने कहा है कि शहर का मास्टर प्लान का समय रहते पालन नहीं किया गया तो शहर में कई समस्याएं खड़ी हो जाएंगी और शहर का अधिकांश हिस्सा गंदी बस्ती वाला क्षेत्र हो जाएगा. मास्टर प्लॉन किसी भी शहर के विकास का आधार होता है जो शहरी नियोंजन के विशेषज्ञों द्वारा काफी अध्ययन के बाद बनाया जाता है.
प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अमित कटारिया के अनुसार नया रायपुर छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक दृष्टि से विकसित किया जा रहा एक नया शहर है, जबकि वर्तमान रायपुर शहर की कमल विहार योजना वहां के भूमि स्वामियों को बेहतर अधोसंरचना तथा नागरिक सुविधाएँ देने का उपक्रम है. दोनों ही शहरों की प्रक्रिया अलग अलग है. नया रायपुर नई विश्व स्तरीय अवधारणा के साथ बन रहा है और वर्तमान रायपुर शहर का विकास बेहतर अधोसंरचना के साथ सुनियोजित विकास किया जाना समय की मांग है. उन्होंने कहा कि जहां शासन झुग्गी बस्ती मुक्त शहर चाहती है वहीं कमल विहार योजना का विरोध गंदी बस्तियों को बढ़ावा देने जैसा है.
श्री कटारिया ने कहा कि नया रायपुर में अनिवार्य भूमि अर्जन कर शहर का विकास किया जा रहा है. जबकि रायपुर की कमल विहार योजना एक जनभागीदारी की योजना है. जो भूस्वामियों को सुव्यवस्थित रुप से जनसुविधा देने की प्रक्रिया है. नया रायपुर एक नए शहर की बसाहट है जबकि कमल विहार शहर के मास्टर प्लान को क्रियान्वयन की प्रक्रिया है. श्री कटारिया ने कहा कि नया रायपुर और वर्तमान रायपुर शहर के बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है. दोनों की अवधारणा अलग- अलग है. एक नया शहर है तो दूसरा शहर को मास्टर प्लान के अनुसार सुव्यवस्थित करने की योजना है. श्री कटारिया के अनुसार पूरे विश्व में शहरी नियोजन मास्टर प्लान बना कर ही विकास किया जाता है. इससे शहरों का बेहतर और सुविधाजनक विकास होता है. देश के विकसित शहर बंगलोर, अहमदाबाद, जयपुर, चंडीगढ़, नोएडा, गुडगांव और नवी मुंबई इसकी मिसाल है. वहां लोग ऐसे विकास के पक्ष में हैं और स्वयं आकर अपनी भूमि को योजना में शामिल करने का आग्रह करते हैं. उन्होंने कहा कि नए रायपुर का अर्थ यह नहीं है कि हम वर्तमान रायपुर शहर को उसके हाल पर गंदी बस्ती जैसा विकसित होने के लिए छोड दें. श्री कटारिया ने कहा कि कमल विहार योजना वहां बनाई जा रही है जहां 90 प्रतिशत अवैध प्लॉटिंग हो गई है. अवैध प्लॉटिंग से जनता को बुनियादी सुविधाओं के लिए सालों साल तरसना पड़ता है. जबकि प्राधिकरण नागरिकों को बुनियादी सुविधाओं से बढ़ कर बेहतर अधोसंरचना की सुविधा देना चाहता है.      
श्री कटारिया के अनुसार मास्टर प्लान अर्थात '' रायपुर विकास योजना पुनर्विलोकित 2021 '' सही रुप से क्रियान्वयन नहीं हो पाने के कारणों का उल्लेख किया गया है. इसमें कहा गया है कि रायपुर के राजधानी बनने के बाद यहां जनसंख्या में बेतहाशा वृध्दि हुई है. शहर में असम्बंध भूमि उपयोगों का अत्याधिक विस्तार और अवांछित भूमि विकास हुआ है. नगर में कई अनाधिकृत कालोनियों का विकास के साथ साथ अनियोजित सामूहिक आवास निर्माण में तेजी आई है. निचले क्षेत्रो में गन्दी बस्तियों का विकास बढ़ा है. गंदी बस्तियों से नहर व तालाबों में प्रदूषण में काफी वृध्दि हुई है. निम्न स्तरीय भौतिक एवं सामाजिक अधोसंरचना वाले क्षेत्र का विकास हुआ है. वाणिज्यिक क्षेत्रों का केन्द्रीयकरण हुआ है. शहर में सकरी सड़कें व गलियां मे वृध्दि के साथ ही सड़कों पर अतिक्रमण बढ़ा है राजधानी में अवैध पार्किंग होने के साथ ही विकास योजना क्रियान्वयन में नियंत्रण का अभाव रहा है. अतः ऐसे में शहर में गंदी और झुग्गी बस्ती के विस्तार को रोकने तथा सुविधाएं बढ़ाने के लिए कमल विहार जैसी योजना लागू करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है.  

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