कमल विहार के 90 प्रतिशत भूस्वामियों के पास आधा एकड़ से कम के भूखंड
अमीर बनाने का सपना दिखा कर बेचे हजारों अवैध प्लाट
रायपुर, 16 मार्च 2010, रायपुर विकास प्राधिकरण की कमल विहार योजना क्षेत्र में लगभग 90 प्रतिशत भूस्वामियों के पास आधा एकड या उससे कम भूमि के भूखंड है. शेष 10 प्रतिशत लोगों में से एक अनुमान के अनुसार लगभग 6 प्रतिशत बडे पूंजी निवेशक हैं. प्राधिकरण द्वारा एकत्रित आंकडों के विशलेषण से यह स्पष्ट हुआ है कि अवैध प्लाटिंग करने वाले लोगों ने नगर तथा ग्राम निवेश रायपुर से बिना अभिन्यास स्वीकृत कराए हजारों की संख्या में छोटे – छोटे भूखंड काट कर बेच दिए हैं. योजना में कुल 5730 भू स्वामियों में से 5136 ऐसे लोग है जिनके पास आधा एकड अथवा उससे कम क्षेत्रफल के भूखंड है. जो लगभग 89.5 प्रतिशत होता है. योजना में लगभग 66 प्रतिशत लोग ऐसे जिनके पास लगभग 4 हजार वर्गफुट या उससे कम भूमि है. इनकी संख्या 3811 है.
योजना क्षेत्र में अवैध प्लॉटिंग करने वालों ने जमीन के दलालों के माध्यम से ने चमक – दमक वाले आकर्षक ब्रौशर व पॉम्पलेट छपवा कर शहर की भोली भाली जनता हजारों की तादाद में अवैध प्लॉट बेचे है. पूंजी निवेश कर कुछ सालों में अमीर बनाने के सपने दिखा कर आम लोगो को भूंखंड बेचे गए है. ऐसे लोग रायपुर शहर के बड़े होटलो में हर माह प्लाटों की लाटरी निकाल कर प्लाट बांटे है.. पुलिस कार्रवाई के बाद अब लाटरी से ठगने का खेल बंद हुआ है. अवैध प्लाटिंग करने वालो ने किसानों की खाली पडी भूमि को खरीद कर उसके अवैध रुप से जो प्लाट काटे है उनमें पहुंचने के लिए ना तो सड़क है और ना ही बिजली, पानी और नाली की सुविधा है. कई लोगों को तो अपने भूखंड की जानकारी ही नहीं है कि उनके भूखंड कहां है. इन भूंखंड़ो पर मकान बनाने के लिए तो ना तो उसका नक्शा पास हो सकता है और ना ही उसमें मकान बनाया जा सकता है. बिना मानचित्र के स्वीकृति के भवन निर्माण के लिए बैंक या वित्तदायी संस्थाएं भी ऋण नहीं देती.
अवैध प्लॉटिंग करने वाले लोगों ने कुछ माह पहले कमल विहार योजना क्षेत्र में आने वाले गांवों में टिकरापारा, बोरियाखुर्द, डुमरतराई, डुंडा और देवपुरी के गांव - गांव में यह भ्रम फैलाया की आरडीए सबके मकान तोड़ देगा पूरी की पूरी बस्तियों को उजाड देगा और तुम लोगों की जमीन हड़प लेगा. इसलिए यदि अपना मकान बचाना है तो ये फार्म भर कर दे दो नहीं तो तुम्हारी जमीन चली जाएगी. दहशत के माहौल में हजारों की तादाद में छपे हुए आवेदन पत्र ग्रामीणों को बांट कर उनसे हस्ताक्षर करा कर आरडीए के कार्यालय में हजारों की आपत्तियां लगवाई गई. प्राधिकरण के कार्यालय में सुनवाई में आ रहे कई लोगों की लिखित आपत्तियों में क्या लिखा है वे यह नही जानते. अवैध प्लॉटिंग करने वालों ने चमक – दमक वाले आकर्षक ब्रौशर व पॉम्पलेट छपवा कर जमीन दलालों के माध्यम से शहर की भोली भाली जनता को भ्रम में डाल कर हजारों की तादाद में अवैध प्लॉट बेचे है. अब ऐसे ही लोग अपने स्वार्थ के लिए शहर को सुव्यवस्थित बनाने शासन की कमल विहार योजना का विरोध कर रहें है.
कमल विहार योजना में वास्तविक भूस्वामियों की भूमि / भूखंडों की जानकारी
क्रमांक | भूखंड का आकार (वर्गमीटर में) | भूखंडों की संख्या | भूखंडों का (प्रतिशत में) | कुल भूखंडों की संख्या | कुल भूखंडों का प्रतिशत |
1. | 0-100 | 470 | 8 | 470 | 8 |
2. | 101-150 | 1696 | 30.5 | 2166 | 38.5 |
3. | 151-200 | 487 | 8 | 2653 | 46.5 |
4. | 201-300 | 886 | 15 | 3539 | 61.5 |
5. | 301-400 | 272 | 5 | 3811 | 66.5 |
6. | 401-500 | 283 | 5 | 4094 | 71.5 |
7. | 501-1000 | 418 | 7 | 4512 | 78.5 |
8. | 1001-2500 | 624 | 11 | 5136 | 89.5 |
9. | 2501-4000 | 205 | 4 | 5341 | 93.5 |
10. | 4001-10000 | 298 | 5 | 5639 | 98.5 |
11. | 10001-20000 | 60 | 1 | 5699 | 99.5 |
12. | 20001 से अधिक | 31 | 0.5 | 5730 | 100 |
कुल | 5730 | 100% |
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