अप्रैल –मई - जून 2017 में 30 करोड़ के प्लॉट बिके
आरडीए ने अब तक 66.78 एकड़ के प्लॉट विक्रय किए
रायपुर, 07 जुलाई 2017, नोटबंदी और जीएसटी
के लागू होने की कवायद में बाजार में भले ही मंदी रही हो पर रायपुर विकास
प्राधिकरण के कमल विहार योजना में प्लॉटों की बिक्री में कमी नहीं हुई. बिजनेस के
प्लॉटों पर 30 प्रतिशत और आवासीय, शैक्षणिक और स्वास्थ्य उपयोग के प्लॉटों पर 10
प्रतिशत की छूट के दौरान तीन महीनों में लगभग 30 करोड़ रुपए के प्लॉटों की बिक्री
हुई. प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव के अनुसार देश और प्रदेश के नागरिकों
को रायपुर विकास प्राधिकरण पर काफी भरोसा है. इसी कारण बाजार के उतरा – चढ़ाव के
बावजूद प्राधिकरण की योजना में विकसित प्लॉटों की बिक्री लगातार होती रही है.
प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री
एम.डी. कावरे के अनुसार प्राधिकरण 2012 से कमल विहार के प्लॉटों का विक्रय कर रहा
है. इस अवधि में अब लगभग 515 करोड़ रुपए के 1262 प्लॉटों का विक्रय किया जा चुका
है जिससे मिलने वाली किस्तें भी शामिल हैं. इसमें विक्रय किए प्लॉटों का क्षेत्रफल
29,09,702 वर्गफुट अर्थात 66.78 एकड़ विकसित भूमि होती है. कमल विहार योजना के लिए
सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया से मिले 600 करोड़ रुपए के परिपेक्ष्य में अब तक प्राधिकरण
ने 168.84 करोड़ रुपए का मूलधन तथा 196.92 करोड़ रुपए के ब्याज का भुगतान किया जा
चुका है. इस तरह बैंक को अब तक कुल 365.76 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है.
वहीं कमल विहार के अधोसंरचना विकास कार्यों यथा सड़क, नाली, बिजली, पानी, उद्यान
एवं अन्य विकास की दिशा में 578.75 करोड़ रुपए का भुगतान निर्माण कार्यों में किया
गया है.
श्री
कावरे के अनुसार गत वर्ष नवंबर 2016 को 32 दिनों में 235 प्लॉटों का विक्रय हुआ था जिसकी कुल कीमत 80 करोड़ रुपए
थी. यह भी अपने आप में प्राधिकरण की बिक्री का रिकार्ड रहा है. इसके पहले 10 जुलाई
2015 को 25
करोड़ रुपए की अधिकतम बिक्री का
रिकार्ड था. इसके बाद दूसरी सबसे बड़ी बिक्री में 15.75 करोड़
रुपए के प्लॉटों का रिकार्ड विक्रय हुआ था. इसी प्रकार जून के अंतिम दस दिनों में
ही लगभग 8 करोड़ रुपए के प्लॉट की बिक्री हुई थी. श्री कावरे के अनुसार प्राधिकरण
के उपाध्यव्दय श्री गोवर्धदास खंडेलवाल व श्री रमेश सिंह ठाकुर, संचालक मंडल के
अन्य सदस्य श्री गोपी साहू, श्री नारद कौशल, श्री रविन्द्र बंजारे, श्रीमती सुनयना
शुक्ला और श्रीमती एम.लक्ष्मी सहित अन्य शासकीय सदस्यों व्दारा प्लॉट विक्रय के
लिए डिस्कॉऊन्ट मॉडल का प्रस्ताव पारित किए जाने से प्राधिकरण को यह सफलता मिली है.
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