नई दिल्ली की ली
एसोसियेट को आरडीए ने बनाया विकास,योजना व प्रबंधन सलाहकार
रायपुर, 19 जून 2013. शहर विकास की योजनाओं को तैयार करने से
ले कर आम आदमी तक उसका लाभ बेहतर ढंग से पहुंचे इस उद्देश्य से रायपुर विकास
प्राधिकरण ने नई दिल्ली की ली एसोसियेट (लासा) को अपना सलाहकार नियुक्त किया है.
कनाडा की ली ग्रुप होल्डिंग इंक की सहायक कंपनी नई दिल्ली की ली एसोसियेट
अधोसंरचना विकास, योजना और प्रबंधन के क्षेत्र में गत् 17 वर्षों से कार्य कर रही
है.
रायपुर विकास प्राधिकरण
के अध्यक्ष श्री सुनील कुमार सोनी ने आज उपाध्यक्ष श्री रतन लाल डागा के साथ नव
नियुक्त सलाहकार कंपनी ली एसोसियेट के सदस्यों के साथ अपनी पहली बैठक में कहा कि
हमारी परिषद का उद्देश्य है कि शहर विकास के साथ ही प्राधिकरण को आर्थिक रुप से
मजबूत किया जाए. प्राधिकरण का कार्य धरातल पर उतर कर काम करने का है जिससे आम आदमी
तक को सुविधा मिले. उन्होंने कहा कि सलाहकार कंपनी योजनाओं की अवधारणा अर्थात
कॉंसेप्ट प्लॉन प्रस्तुत करते समय परिस्थितियों के अनुरुप शहर विकास की योजनाओं का
बेहतर तकनीकी विकल्प सुझाएं. प्रोजेक्ट तैयार करते समय वित्तीय प्रस्तावों का
विशेष ध्यान रखा जाए. श्री सोनी ने कहा कि प्राधिकरण व्दारा ली एंड एसोसियेट को दिए
जाने वाले पारिश्रमिक की राशि कहां से प्राप्त होगी इसका भी उन्हें ध्यान रखना होगा.
संस्था आर्थिक रुप से कैसे मजबूत हो तथा प्राधिकरण व्दारा योजनाओं के लिए प्राप्त
किए गए ऋण और ब्याज को चुकाने के लिए भी बेहतर वित्तीय प्लॉनिंग की जाए. प्राधिकरण
का स्थापना व्यय कम से कम हो तथा मानव श्रम का बेहतर उपयोग हो इस पर भी ध्यान
केन्द्रित करना होगा. श्री सोनी ने कहा कि सारे प्रबंधनों के साथ ही प्राधिकरण के सभी
शाखाओं उनके अधिकारियों व कर्मचारियों तथा अन्य एजेंसियों से बेहतर समन्वय भी कायम
करना होगा. ली एसोसियेट के टीम लीडर श्री आनंद ने बैठक में अपने अनुबंध के अनुसार
किए जाने वाले कार्यों की जानकारी प्रस्तुत की.
कमल विहार के तकनीकी कार्यों की फाईलों का
निपटारा स्थल कार्यालय में हो – श्री सोनी
दोपहर में एक अन्य बैठक
में श्री सुनील सोनी ने प्राधिकरण के इंजीनियरों से कहा कि कमल विहार योजना संस्था
का ड्रीम प्रोजेक्ट है इसलिए इसमें किसी प्रकार के देरी ना हो इसका ध्यान रखा जाए.
कमल विहार के तकनीकी कार्यों की फाईलों का निपटारा स्थल कार्यालय में ही किया जाए. श्री सोनी ने कहा कि तकनीकी कार्यों
से संबंधित सभी अनुमोदन व स्वीकृतियों मुख्य कार्यालय के बजाय कार्य स्थल कार्यालय
में किया जाए ताकि निर्माण कार्य में अनावश्यक विलंब ना हो. उन्होंने कहा कि
फाईलों में भी लिखते समय इंजीनियर्स को स्पष्ट, सकारत्मक और बिना विलंब के लिखना
चाहिए.
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