एकल खिड़की से आरडीए में बदला माहौल
लगातार हो रही साप्ताहिक समीक्षा बैठक से निपटे सारे 3795 प्रकरणकई काम हो रहे समय से पहले
रायपुर फरवरी 2011, रायपुर विकास प्राधिकरण में एकल खिड़की प्रणाली लागू करने से आवंटितियों की समस्याएं जैसे समाप्त हो गई है.दो साल पहले लागू की गई इस प्रणाली और उसके लगातार फालोअप के कारण आज की स्थिति में कोई भी पुराना प्रकरण लंबित नहीं है. इन दो सालों में 3795 आवेदन प्रकरणों का निपटारा किया गया है.एकल खिड़की के माध्यम से संपत्तियों के हस्तांरण व नामांतरण, भारहीनता, भवनों के निर्माण व पुनर्निर्माण हेतु अनापत्ति पत्र, नल कनेक्शन, भाड़ाक्रय पर किश्तों का पूर्ण भुगतान, पंजीयन शुल्क की वापसी व अन्य रिफन्ड, सूचना के अधिकार के आवेदन प्रत्र प्राप्त किए जाते हैं. पुराने प्रकरणों के लंबित नहीं होने के संबंध में प्राधिकरण प्रशासन का मानना है कि आज के माहौल में मिलने वाली यह सफलता हर हफ्ते होने वाली बैठकों और लगातार फालोअप के कारण मिली है.
रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा नागरिकों को बेहतर सुविधा देने के लिए 26 जनवरी 2009 से शुरु की गई एकल खिड़की प्रणाली से हितगाहियों और आवेदकों के प्राप्त आवेदनों पर दी गई समय सीमा में तथा कई बार उससे भी पहले निपटारा हो रहा है.प्रदेश के आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री राजेश मूणत ने नागरिकों को पारदर्शी प्रशासन देने की दिशा में एकल खिड़की प्रणाली को प्रभावशाली ढ़ंग से लागू करने की इच्छा व्यक्त की थी.इसके बाद प्राधिकरण में एकल खिड़की शुरु की गई.एकल खिड़की के माध्यम से दिए जाने वाले प्रकरणों के मामले में दरअसल सबसे महत्वपूर्ण भूमिका प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अमित कटारिया द्वारा हर बुधवार को ली जाने वाली समीक्षा बैठक ने निभाई हैं.हर साप्ताहिक बैठक में एकल खिड़की में प्राप्त आवेदनों के निपटारे की चर्चा से ही शुरुआत होती है.आवेदन पत्रों में होने वाली किसी भी परेशानी के संबंध में संबंधित अधिकारियों से चर्चा कर श्री कटारिया द्वारा दिए जाने वाले निर्देश से समय सीमा के भीतर ही प्रकरणों का निपटारा त्वरित गति हो रहा है.कई प्रकरणों में समय से पहले भी समाधान भी हुआ है. श्री कटारिया इस सफलता का श्रेय प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों को देते है जो लगातार सकारात्मक सोच के साथ कार्य कर रहे हैं.
कैसे काम करती है एकल खिड़की
रायपुर विकास प्राधिकरण में एकल खिड़की में आवेदक एक ही काऊन्टर में अपना आवेदन प्रस्तुत करता है.निर्धारित प्रपत्र में प्रस्तुत किए जाने वाले आवेदन पत्र के बाद काऊन्टर लिपिक आवेदक को एक रसीद देता है जिसमें प्रकरण के अनुसार 7,15 तथा 30 कार्य दिवसों में आवेदन के निराकरण की तिथि दी जाती है.इसके बाद एक साथ सभी संबंधित शाखाओं में आवेदन के विभिन्न प्रपत्र भेजे जाते है.एक आवेदन के संबंध में अलग–अलग शाखाओं में प्रपत्रों के जाने से समानान्तर रुप से कार्रवाई होती है.इस बीच आवेदक से यदि कोई बकाया राशि लेना हो अथवा कोई और जानकारी लेना हो आवेदक को प्राधिकरण द्वारा सूचित किया जाता है.इस दौरान हर हफ्ते होने वाली साप्ताहिक बैठकों में मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अमित कटारिया को एकल खिड़की में प्रस्तुत सारे प्रकरणों की लिखित जानकारी दी जाती है.बैठक में प्रायः हर प्रकरण में चर्चा होती है.किसी प्रकरण में यदि कोई परेशानी या कोई जानकारी का अभाव है तो मुख्य कार्यपालन अधिकारी उस बारे में चर्चा कर संबंधित आधिकारियों को दिशा निर्देश देते है.एकल खिड़की प्रणाली में पूरी प्रक्रिया में विभिन्न प्रपत्रों के कारण भी काफी आसानी हुई है.इससे कम समय में प्रकरणों का निराकरण हो जाता है. सूचना के अधिकार के आवेदन पत्र भी एकल खिड़की के माध्यम से लिए जाते है तथा 30दिनों में इसका निराकरण कर दिया जाता है.
एकल खिड़की मील का पत्थर – श्री सुनील सोनी
रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री सुनील सोनी,उपाध्यक्षद्वय श्री रतन लाल डागा व श्री प्रफुल्ल विश्वकर्मा ने एकल खिड़की की कार्य प्रणाली को हितग्राहियों के लिए लाभप्रद बताया है.उन्होंने कहा कि लोकहित में ऐसे कार्य किसी भी संस्था का विश्वास अर्जित करने में सहायक होते हैं. प्राधिकरण का यह कार्य सुशासन व पारदर्शिता की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा.
आरडीए की एकल खिड़की में प्राप्त आवेदन व निराकरण का विवरण
(26 जनवरी 2009 से 31 जनवरी 2011 तक)
समाधान किए गए आवेदनों की संख्या
- संपत्तियों का हस्तांरण / नामांतरण - 525
- भारहीनता - 564
- भवनों के निर्माण / पुनर्निर्माण हेतु अनापत्ति प्रमाणपत्र - 1269
- नल कनेक्शन - 239
- भाड़ाक्रय पर किश्तों का पूर्ण भुगतान - 178
- पंजीयन शुल्क की वापसी व अन्य रिफंड - 591
- सूचना का अधिकार - 429
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