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Nov 3, 2017

रायपुर संचालक मंडल के फैसले



नजूल व शासकीय भूमि पर लगने वाला 6 -1/2% भूभाटक अब नाम मात्र होगा  
रायपुर विकास प्राधिकरण के संचालक मंडल की बैठक में राज्य शासन व्दारा छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश विकसित भूमियों,गृहों, भवनों तथा अन्य संरचानाओं का व्ययन नियम 1975 के नियम 47 में किए गए संशोधन की जानकारी प्रस्तुत की गई. श्री कावरे ने बताया कि इस संशोधन के फलस्वरुप शासकीय व नजूल भूमि पर लगने वाले साढ़े 6 प्रतिशत भूभाटक के कारण प्राधिकरण के विकसित भूखंड नहीं बिक पा रहे थे क्योंकि उनमें भूभाटक की राशि काफी अधिक यानि लाखों में हो जाती थी. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि राज्य शासन व्दारा किए गए संशोधन के बाद अब यदि रावांभाठा ट्रांसपोर्ट नगर में 4800 वर्गफुट के विकसित प्लॉट में भूभाटक 23 पैसा प्रति वर्गफुट लगेगा, जिससे देय भूभाटक की राशि रुपए 1,104 रुपए होगी. पूर्व में यही भूभाटक साढ़े 6 प्रतिशत की दर से 5 लाख 79 हजार 72 रुपए होता था. इस कारण संपत्ति नहीं बिक रही थी. इस संशोधन के बाद प्राधिकरण की कई ऐसी प्रापर्टी का विक्रय करना अब आसान हो जाएगा.
इन्द्रप्रस्थ रायपुरा में पुलिस चौकी
गत 23 जुलाई 2017 को दिनों आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री राजेश मूणत के इन्द्रप्रस्थ दौरे निवासियों ने सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस चौकी खोले जाने कि मांग की थी. इस संदर्भ में प्राधिकरण के संचालक मंडल ने इन्द्रप्रस्थ रायपुरा में के योजना क्षेत्र में 1000 वर्गफुट भूमि मानचित्र में अंकित कर पुलिस अधीक्षक को भेजे गए पत्र को कार्येत्तर स्वीकृति प्रदान की. इस प्रक्रिया से अब इन्दप्रस्थ रायपुरा में पुलिस चौकी शीघ्र ही खोले जाने का मार्ग भी प्रशस्त हो गया है किन्तु भूमि स्वामित्व रायपुर विकास प्राधिकरण का होगा.

फ्लैट्स के पंजीयन राशि नियमानुसार वापस होगी 
आरडीए के संचालक मंडल के समक्ष रखे गए प्रस्ताव कि फ्लैट्स के लिए आवेदन देने वालों में कुछ आवेदक पंजीयन कराने के कराने के बाद किसी न किसी कारण से पंजीयन राशि वापस करने की मांग करते हैं. इससे जहां फ्लैट के विक्रय में परेशानी होती है वहीं कार्यालयीन कार्य भी प्रभावित होता है. इस पर निर्णय लिया गया कि पंजीयनकर्ता व्दारा पंजीयन राशि वापस मांगने पर उन्हें पंजीयन की शर्त के अनुसार ही कटौती कर राशि वापस की जाए.
कमल विहार के प्लॉटों पर छूट की अवधि बढ़ी, 30 दिसंबर तक मिलेगा छूट का लाभ
संचालक मंडल ने कमल विहार योजना में गत 21 सितंबर से 31 अक्टूबर तक विभिन्न प्रकार के प्लॉटों पर दी गई छूट की अवधि को बढ़ा कर 30 दिसंबर 2017 तक करने पर भी अपनी मुहर लगाई. बैठक में इस विषय में चर्चा के दौरान बताया गया कि प्राधिकरण के वित्तीय सलाहकार व्दारा विक्रय किए जा रही संपत्तियों के आंकलन के बाद दिए गए सुझाव पर यह निर्णय लिया गया है. इसके अनुसार प्राधिकरण व्दारा कमल विहार योजना में प्लॉट लेने वालों को 2 प्रतिशत से 25 प्रतिशत तक की छूट देगा.
इसके अतंर्गत आवासीय भूखंडों पर 2000 वर्गफुट आकार तक 2 प्रतिशत, 2001 से 3000 वर्गफुट तक 10 प्रतिशत, 3001 से 5000 वर्गफुट आकार के प्लाटों पर 12 प्रतिशत तथा 5001 से अधिक आकार के आवासीय भूखंडों पर 15 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी. बिजनेस उपयोग के मिश्रित,पीएसपी, स्कीम लेवल व सेक्टर लेवल के व्यावसायिक भूखंडों,  पर 25 प्रतिशत, सीबीडी के 5 एकड़ व्यवासायिक क्षेत्र में अलग अलग भूखंड लेने पर 15 प्रतिशत की छूट दी जाएगी. जबकि स्वास्थ्य तथा स्कूल के विकसित भूखंडों पर 15 प्रतिशत की छूट दी जाएगी.

आवासीय संपत्तियों में एक मुश्त भुगतान करने पर सरचार्ज राशि में 50 प्रतिशत की छूट    
संचालक मंडल ने प्राधिकरण की समस्त योजनाओं में आवासीय संपत्तियों में बकाया राशि जमा करने पर एक मुश्त भुगतान करने पर सरचार्ज राशि में 50 प्रतिशत की छूट देने का निर्णय लिया है. गत अगस्त में प्राधिकरण व्दारा सरचार्ज राशि में 30 प्रतिशत की छूट दी गई थी. बकाया राशि के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एम.डी.कावरे ने बैठक में बताया कि प्राधिकरण की समस्त योजनाओं में वर्तमान में कुल 14373 हितग्राही है जिसमें 11,184 आवासीय हितग्राही एवं 3189 व्यावसायिक हितग्राही है, जिनसे प्राधिकरण को किश्त किराया, भूभाटक, वाटर चार्जेस, मेंटेनेन्स चार्ज आदि के मद में राजस्व की प्राप्ति होती है. श्री कावरे ने बताया कि प्राधिकरण की न्यून निम्न आय वर्ग की डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी आवास योजनाओं में लगभग 24 करोड़ रुपए का बकाया है. इन मकानों से प्रत्येक माह 69.21 लाख रुपए की राशि किश्तों के मद में प्राप्त होना है. सरचार्ज में छूट देने से हितग्राही अधिक से अधिक राशि जमा करते हैं.

कमल विहार में अवार्ड पारित भूस्वामियों को भूखंडों का आवंटन नहीं   
संचालक मंडल ने एक अन्य प्रस्ताव में यह निर्णय लिया कि कमल विहार में जिन भूस्वामियों को उनकी भूमि के मुआवजे का अवार्ड पारित कर दिया गया है. अब उनको पुर्नगठित भूखंड का आवंटन नहीं किया जाएगा. यदि भूमि स्वामी विकसित भूखंड लेना चाहता है तो उसे सामान्य प्रक्रिया के अंतर्गत भूखंड प्राप्त कर सकता है. अवार्ड पारित मामलों में यदि पुर्नगठित भूखंड आरक्षित है तो उसे विक्रय की सूची में शामिल करने का निर्णय लिया गया.   


रायपुर विकास प्राधिकरण संचालक मंडल की बैठक में अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव के साथ उपाध्यक्षव्दय श्री गोवर्धनदास खंडेलवाल व श्री रमेश सिंह ठाकुर, संचालक मंडल के सदस्य सचिव व मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एम.डी. कावरे, श्री सतीश पांण्डे अवर सचिव वित्त विभाग, श्री जी.एल. सांकला अवर सचिव आवास एवं पर्यावरण विभाग, श्री आर.ए.पाठक अधीक्षण अभियंता छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी, श्री एम. के. गुप्ता संयुक्त संचालक संचालनालय छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश, श्री विनीत नायर संयुक्त संचालक, नगर एवं ग्राम निवेश रायपुर, श्री संजय ब्रिजपुरिया कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, श्री सुबीर तिवारी अनुविभागीय अधिकारी वन विभाग, अशासकीय सदसय् श्री गोपी साहू, श्री नारद कौशल, श्री रविन्द्र बंजारे, श्रीमती सुनयना शुक्ला व श्रीमती एम. लक्ष्मी शामिल थे.   

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