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Mar 8, 2016

देवेन्द्रनगर कॉलोनी में 5 रिक्त भूखंड स्वामियों को कारण बताओ नोटिस

अनुबंध के अनुसार एक साल में करना था निर्माण
रायपुर, 08 मार्च 2016, रायपुर विकास प्राधिकरण की देवेन्द्रनगर कालोनी में रियायती दर पर भूखंड लेने के बावजूद उस पर निर्माण नहीं करने वाले 5 आवंटितियों को प्राधिकरण ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है कि वे 10 दिनों में प्राधिकरण कार्यालय में उपस्थित हो कर इस संबंध में अपना पक्ष प्रस्तुत करें अन्यथा उनके भूखंड का आधिपत्य वापस लेने की कार्रवाई की जाएगी.
प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एम.डी. कावरे ने आज टिम्बर मार्केट की पीछे स्थित कॉलोनी का निरीक्षण किया. उनके साथ मुख्य अभियंता श्री जे.एस. भाटिया और कार्यपालन अभियंता श्री अनवर खान भी थे. स्थल निरीक्षण के दौरन यह पाया गया कि कुछ भूखंडधारियों ने रियायती दर पर आवंटित भूखंडों पर वर्षों से निर्माण ही नहीं किया है. इस पर श्री कावरे के निर्देश पर प्राधिकरण के राजस्व अधिकारी ने छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश विकसित भूमियों गृहों तथा संरचना का व्ययन नियम 1975 के नियम 51 के अधीन आज 5 लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इनमें अनिल कुमार फतनानी, श्रीमती सुषमा तिवारी, रितेश जैन व अन्य, परमानंद वर्मा तथा दिनेश पटेल को जारी नोटिस में कहा गया है कि 30 वर्षीय पट्टे पर अनुबंध विलेख निष्पादित करा कर भूखंड का आवंटन किया गया है. अनुबंध की शर्त के अनुसार प्रश्नाधीन भूखंड पर पट्टा निष्पादन की तिथि से एक वर्ष की अवधि में भवन निर्माण हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर नियमानुसार अनुमोदित रेखांक के अनुसार भवन सन्निर्माण की कार्रवाई की जानी थी किन्तु उक्त अवधि के व्यतीत होने के पश्चात भी उक्त भूखंड पर निर्माण नहीं किया गया है. इस तरह निष्पादित अनुबंध का उल्ल्घंन किया गया है. अतः इस सूचना के 10 दिनों के भीतर इस कार्यालय में उपस्थित हो कर अपना पक्ष प्रस्तुत करें अन्यथा भूखंड का आधिपत्य वापस लेने की कार्रवाई की जाएगी.
 

कमल विहार के भूखंडों का एक मुश्त राशि भुगतान पर 12 प्रतिशत की छूट जारी
रायपुर, 08 मार्च 2016, रायपुर विकास प्राधिकरण की कमल विहार योजना में भूखंड आवंटन के बाद आवंटितियों को एक मुश्त में पूरी राशि का भुगतान करने पर शेष किश्तों की राशि पर 12 प्रतिशत प्रतिदिन के हिसाब से छूट दी जा रही है. प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव के अनुसार प्रो-रेटा आधार पर दी जा रही इस छूट का काफी लोगों ने लाभ लिया है. यह छूट इसीलिए भी दी जा रही है कि किश्तों में राशि का भुगतान करने वाले आवंटितियों को बैंक या अन्य किसी वित्तदायी संस्थान से ऋण ले कर भुगतान करने में आसानी हो. 

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