कमल विहार, इन्द्रप्रस्थ - रायपुरा के लिए राज्य शासन के
निर्देश
सर्विस
रोड स्थित भूखंड पर सर्विस लेन की चौड़ाई के आधार पर छोड़ना होगा आफसेट
विकसित
भूखंड का नहीं अब मूल भूमि का ही एफएआर मिलेगा
रायपुर, 27 जुलाई 2015, आवास
एवं पर्यावरण विभाग छत्तीसगढ़ शासन व्दारा 23 अप्रैल को एक निर्देश जारी कर कमल
विहार, इन्द्रप्रस्थ –
रायपुरा तथा विशेषीकृत व्यावसायिक क्षेत्र रायपुरा में आवंटित भूखंडों को
संयुक्तिकरण करने, योजना की सर्विस लेन पर स्थित भूखंडों को मुख्य सड़क की चौड़ाई
के बजाय सर्विस लेन की चौड़ाई के आधार पर आफसेट छोड़ने तथा योजना के मूल भूमि के
एफएआर के आधार पर ही आवंटित भूखंड को एफएआर देने का निर्देश जारी किया है. रायपुर
विकास प्राधिकरण के सीईओ श्री महादेव कावरे के अनुसार राज्य शासन के इस निर्देश से
योजना के भूखंडधारियों को पहले से ज्यादा क्षेत्र में निर्माण का लाभ तो मिलेगा ही
साथ ही इससे नागरिक प्राधिकरण की योजनाओं में भूखंड लेने के लिए भी आकर्षित होंगे.
आवास एवं पर्यावरण विभाग के जारी नए निर्देश के अनुसार रायपुर
विकास प्राधिकरण की योजनाओं में आवंटित किए जा रहे सभी भूखंडों पर भवन निर्माण के
लिए दिए जाने वाले भवन निर्माण अनुज्ञा के लिए कुर्सी क्षेत्र अर्थात फ्लोर एरिया
रेशो अब आवंटित भूखंड के आधार पर नहीं वरन मूल भूमि के रकबे आधार पर दिया जाएगा.
इस पर निर्माण क्षेत्र का अनुपात भूखंड के क्षेत्रफल के आधार पर ही होगा. इसका
सीधा लाभ अब भूखंडधारियों को मिलेगा.
यदि राज्य शासन के इस निर्देश को कमल विहार के संदर्भ में
समझने की कोशिश करें तो यदि किसी को आवंटित भूखंड का कुर्सी क्षेत्र अर्थात एफएआर
(फ्लोर एरिया रेशो) 1.25 है तो उस पर नियमतः कुल 1250 वर्गफुट पर निर्माण किया जा
सकता है. नए निर्देश के अनुसार यदि उसकी मूल भूमि का एफएआर 1.50 है तो भूखंड
स्वामी 1.50 एफएआर के आधार पर भूखंड पर 1500 वर्गफुट क्षेत्र में निर्माण कर
सकेगा. उल्लेखनीय है कि इसके लिए भूखंड स्वामी को भवन का मानचित्र तैयार कर नगर
पालिक निगम रायपुर से भवन निर्माण अनुज्ञा प्राप्त करना होगा.
राज्य शासन के निर्देश में प्राधिकरण की कमल विहार,
इन्द्रप्रस्थ –
रायपुरा योजना में जिन मुख्य सड़कों पर सर्विस मार्गों का निर्माण किया गया है
उनमें भवन निर्माण के लिए मुख्य सड़कों की चौड़ाई के आधार पर ऑफसेट नहीं छोड़ना पड़ेगा
वरन अब सर्विस मार्ग की चौड़ाई के आधार पर ही ऑफसेट छोड़ना होगा, जो अनिवार्य रुप
से कम से कम 3 मीटर होना चाहिए. इस निर्देश के पहले भूखंडधारियों को मुख्य व
ज्यादा चौड़े मार्ग के आधार पर ज्यादा ऑफसेट छोड़ना पड रहा था जो अब तुलनात्मक रुप
से कम कर दिया गया है.
आवास एवं पर्यावरण विभाग ने कमल विहार और इन्द्रप्रस्थ
रायपुरा योजना में आवंटित पुनर्गठित विकसित भूखंडों के एकीककरण अर्थात संयुक्तिकरण
के लिए अभिन्यास में संशोधन की आवश्यक्ता को भी समाप्त कर दिया है. इससे उन
व्यक्तियों, फर्मो और एक ही परिवार के सदस्यों को एक बड़ी राहत मिलेगी जो अपने
भूखंड को एक मान कर उस पर भवन का निर्माण करना चाहते हैं. इस आदेश के बाद अब एक से
अधिक आवंटित पुनर्गठित भूखंडों का संयुक्तिकरण कर भवन का मानचित्र स्वीकृत कराया
जा सकेगा. इसके लिए अलग से योजना के अभिन्यास में संशोधन की आवश्यकता नहीं
पडेगी.
No comments:
Post a Comment
This Blog is Blocked