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Jul 22, 2014

कमल विहार जैसी योजनाओं के लिए राजनीतिक इच्छा शक्ति जरूरी – श्री राजेश मूणत

जनसंवाद के कारण कमल विहार को मिली सफलता विजय रिसवुड
प्लॉट देने के पहले अधोसंरचना का विकास करना उल्लेखनीय
रायपुर22 जुलाई 2014, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के अर्बन प्लॉनर सलाहकार श्री विजय रिसवुड ने कहा है जनता से निरतंर संवाद बनाए रखने के कारण कमल विहार योजना को अच्छी सफलता मिली है. उन्होंने कहा कि योजना में भूखंड देने से पहले सड़क, नाली, बिजली, पानी, संचार, सीवर लाईन, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, भूमि के रिचार्ज जैसी व्यवस्था करना एक उल्लेखनीय कार्य है. डीडीए की टीम शाम को आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री राजेश मूणत से उनके निवास पर मिली. श्री मूणत ने टीम से कमल विहार योजना के अनुभवों को साझा करते कहा कि कमल विहार जैसी नगर विकास योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए राजनैतिक इच्छा शक्ति होना बेहद जरूरी है.
श्री रिसवुड ने कहा कि हमने दिल्ली में भी कमल विहार योजना के बारे में सुन रखा था इसलिए इस योजना में भूमि अर्जन के लिए जनभागीदारी से लैंड पूलिंग स्कीम को समझने के लिए यहां आए हैं. डीडीए की टीम ने आज दोपहर में कमल विहार योजना का भ्रमण कर वहां के विकास और निर्माण कार्यों को समझा. शाम को टीम ने प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री एस. एस. बजाज और मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अमित कटारिया से उनके कार्यालय में मुलाकात की. श्री रिसवुड ने कहा कि राजधानी नई दिल्ली में जनभागीदारी से योजना बनाने के लिए काफी कुछ काम करने की आवश्यकता होगी. हम आगे भी कमल विहार के बारे में जानने के लिए प्राधिकरण से अपना संपर्क बनाए रखेंगे.
प्राधिकरण में डीडीए की टीम को कमल विहार योजना से संबंधित एक विस्तृत प्रेजेन्टेशन दिखाया गया. जिसमें योजना की प्रक्रिया दिखाई गई. टीम के सदस्यों ने मुख्य रुप से भूमि अर्जन, राजस्व और तकनीकी पहलूओं पर अपनी कई जिज्ञासों के कई प्रश्न पूछे. प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री बजाज ने डीडीए के अधिकारियों को बताया कि हमने पूरे योजना दौरान किसी भी भूमि के भूउपयोग में कोई परिवर्तन नहीं किया है. वहीं श्री कटारिया ने कहा कि हमने कमल विहार योजना के प्रकाशन और आपत्तियों की सुनवाई के पहले और बाद में लगातार जनता और समाज के हर वर्ग से संपर्क बनाए रखा और उनसे संवाद करते रहे. योजना का छत्तीसगढ के राजपत्र में अंतिम प्रकाशन के बाद हमने भूमि स्वामियों से उनकी लिखित सहमति ली. और उसके बाद योजना के लिए सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया से 500 करोड़ रुपए का ऋण लेकर विकास और निर्माण का कार्य प्रारंभ किया. अब जबकि विकास कार्य काफी हो चुका है हम भूमि स्वामियों को उनके विकसित भूखंड देने के लिए रजिस्ट्री कर रहे हैं. श्री कटारिया ने बताया कि कमल विहार योजना अवैध प्लॉटिंग काफी संख्या में थी और लोगों ने यहां काफी छोटे छोटे प्लॉट खरीद रखे थे. उन सभी को विकसित प्लॉट देना काफी चुनौती भरा था. इसके लिए हमने अपनी प्लॉनिंग में काफी ध्यान रखा और जनता के हित में योजना का विकास किया.
बैठक में डीडीए के अर्बन प्लॉनर सलाहकार श्री विजय रिसवुड, मुख्य अभियंता श्री अशोक निगह, योजना शाखा के निदेशक श्री पी.एस. उत्तरवार और श्री विनोद सकले, डिप्टी कमिश्नर लैंड एक्यूजीशन श्री व्यास, नया रायपुर डेव्हलपमेंट अथॉरिटी के योजनाकार श्री शेकदर, रायपुर विकास प्राधिकरण के एडीशनल सीईओ श्री शरीफ मोहम्मद और सीई श्री जे. एस. भाटिया, योजना के सहायक यंत्री श्री राजीव अग्रवाल, राजस्व अधिकारी श्री पुलक भट्टाचार्य और कमल विहार के योजना सलाहकार बिल्टक्रॉफ्ट के श्री जाकिर खान उपस्थित थे. 

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