अवैध प्लॉटिंग करने वालों ने अपने सारे प्लॉट बेच डाले और रोड रास्ते की जमीन को अपना बताकर कमल विहार में प्लॉट लेने के लिए दिया आवेदन
रायपुर, 24 मई 2014, शहर में कई सालों से अवैध प्लॉट बना कर बेचने वालों के विरुध्द अब कार्रवाई शुरु की जाएगी. बिना सड़क, नाली, बिजली पानी की सुविधाएं दिए तथा सक्षम अधिकारी से भवन निर्माण की अनुज्ञा के लिए बिना प्लॉट बेचने वाले लोगों ने कमल विहार योजना में भी विकसित भूखंड लेने का प्रयास किया था जिसे रायपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने विफल कर दिया है.
प्राधिकरण को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रायपुर व्दारा कमल विहार योजना क्षेत्र में अवैध प्लॉटिंग करने वाले की सूची उपलब्ध कराई है. इस सूची में उन सभी अवैध प्लॉटिंग करने वाले लोगों के नाम तथा प्लॉटिंग के बाद शेष सड़क, उद्यान एवं खुली भूमि के समस्त खसरा नंबरों एवं रकबे का उल्लेख है. प्लॉट बेच देने के बाद बची शेष भूमियों के बदले अवैध प्लॉट करने वाले तत्वों ने प्राधिकरण व्दारा मूल भूमि के बदले 35 प्रतिशत क्षेत्र के बराबर के विकसित भूखंड लेने का प्रयास किया था. प्राधिकरण को राजस्व विभाग से मिली अवैध प्लॉट की सूची के अनुसार अब किसी भी ऐसे व्यक्तियों को विकसित भूखंड नहीं दिए जाएंगे, साथ ही प्राधिकरण कॉलोनाइजर एक्ट के अन्तर्गत अपराधिक प्रकरण दर्ज करने हेतु नगर निगम रायपुर एवं अनुविभागीय अधिकारी रायपुर को पत्र लिख रहा है. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 292 (ग) के अन्तर्गत अवैध कालोनियों का विकास करने तथा बिना अनुज्ञा भूमि के व्यपवर्तन करने पर 3 से 7 वर्ष के कारावास का प्रावधान है.
दरअसल जमीन की खरीद फरोख्त करने वाले ऐसे कुछ तत्वों ने राजधानी रायपुर के क्षेत्रों में विकास योजना में भूमि के उपयोग के विरुध्द कृषि तथा अन्य उपयोग की भूमि पर अपना नक्शा बना कर कई एजेंटो के माध्यम से हजारों की संख्या में प्लॉट काट कर बेचे. ऐसे प्लॉटों तक पहुंच पाना और मौके पर प्लॉट की स्थिति को देख पाना भी लोगों के काफी मुश्किल था. आकर्षक विज्ञापन और लुभावने प्रस्तावों के साथ किश्तों तथा लाटरी में प्लॉट देने के ऐसे षड़यंत्र में आम जनता को काफी परेशानी में डाला.
जहां-जहां अवैध प्लॉट काट कर बेचे गए वह अधिकांश कागजों में थे मौके पर न तो कोई मकान बनाने की स्थिति में था और न ही बैंक या किसी अन्य संस्था से ऋण लेने की स्थिति में था. इक्का दुक्का लोगों ने अपने पैसे से किसी प्रकार से मकान बनाया तो ऐसे अवैध प्लॉटों पर पहुंचनें के लिए न तो सड़क बनी थी और न ही पानी की सुविधा थी. तारों में झुलते हुए बिजली के खुले तारों और आसपास के भूमि पर नाली का पानी बहाने वाले ऐसे मकानों में रहने वालो को लगातार कई समस्याओं से दो चार होना पड़ता था. आम जनता को इन्ही समस्याओं से निजात दिलाने के लिए छत्तीसगढ़ शासन ने रायपुर विकास प्राधिकरण के माध्यम से नगर विकास योजना कमल विहार का क्रियान्वयन किया. जनभागीदारी के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही कमल विहार योजना में पहली बार रायपुर विकास प्राधिकरण लगभग 5 हजार भूस्वामियों को उनकी भूमि के बदल बिना कोई शुल्क लिए विकसित भूखंड प्रदान कर रहा है. प्राधिकरण रायपुर शहर के मॉस्टर प्लॉन के क्रियान्वयन की दिशा में आधुनिक अधोसंरचना के साथ नगर विकास योजनाओं को लागू कर नागरिकों को बेहतर सुविधाएं, अच्छा पर्यावरण और व्यवस्थित आवासीय सुविधाएं देने का कार्य कर रहा है.
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