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Sep 6, 2013

कमल विहार में पारदर्शिता, कोई भी कागज-फाईल दिखाने को तैयार - सुनील कुमार सोनी

जिनकी सहमति उन्हें भूखंड दिया, जिन्होंने नहीं दी उन्हें मुआवजा

रायपुर, 6 सितंबर 2013, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री सुनील कुमार सोनी ने पूर्व शिक्षा मंत्री श्री सत्यनारायण शर्मा के कमल विहार योजना के संबंध में लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा है कि श्री शर्मा जी पिछले दो सालों में कुछ भी नहीं बोले और अब जब चुनाव आ रहा है तो उन्हें कमल विहार याद आ रहा है. 


श्री सोनी ने कहा कि कमल विहार योजना पूरे नियमों के अन्तर्गत बनाई गई एक पारदर्शी योजना है. हम श्री शर्मा जी को योजना के बारे में पूरी जानकारी देने के लिए तैयार हैं वे जो फाईल या कागज देखना चाहें प्राधिकरण कार्यालय में उन्हें दिखा दिया जाएगा. इसके लिए उन्हें सूचना के अधिकार के तहत जानकारी लेने और समय खराब करने की भी जरूरत नहीं है. श्री सोनी ने आगे कहा कि कमल विहार योजाना में यदि कोई खोट या गल्ती होती तो बिलासपुर हाईकोर्ट भूस्वामियों की याचिका खारिज नहीं करता. हाईकोर्ट का निर्णय यह साबित करता है कि कमल विहार संवैधानिक रुप से एक सही और जनहित में बनाई जा रही आम आदमी की योजना है.
       श्री सोनी ने कहा कि कमल विहार में जिन भूस्वामियों ने विकसित भूखंड चाहे उन्हें उनकी सहमति के आधार पर अनुबंध कर प्लॉट दिए गए हैं. जिन्हें भूखंड नहीं चाहिए था उन्हें प्राधिकरण ने कलेक्टर गाईड लाईन के आधार पर मुआवाजा दिया. श्री सोनी ने कहा कि यह कहा जा रहा है कि 800 परिवारों को भूखंड नहीं दिया जा रहा है यह गलत है प्राधिकरण में 543 भूस्वामियों ने विकसित भूखंड लेने के लिए अपनी सहमति नहीं दी इसलिए उन्हें मुआवजा दिया जा रहा. मुआवजे की दर प्राधिकरण नहीं तय करता यह तो कलेक्टर व्दारा बनाई गई गाईड लाईन के आधार पर तय होता है. श्री सोनी ने कहा कि प्राधिकरण व्दारा समाचार, विज्ञापनों और नोटिस के माध्यम से कई बार भूस्वामियों को विकसित भूखंड और अनुबंध करने की सूचना दी गई है और यह सब रिकार्ड में दर्ज है. गत 4 जुलाई को श्री चुन्नीलाल प्रजापति को प्राधिकरण कार्यालय में मुआवजे का चेक दिया गया है. इसके बाद जो भी मुआवाजा लेने आएगा उसे पांच दिनों में मुआवजा की राशि दे दी जाएगी.
      प्राधिकरण के अध्यक्ष ने बताया कि 543 भूस्वामियों व्दारा कमल विहार योजना में विकसित भूखंड लेने की सहमति नहीं दिए जाने के कारण उनकी भूमि अर्जित की गई है. प्राधिकरण ने इस हेतु पिछले साल जुलाई को भू-अर्जन अधिकारी को राशि भी दे दी है. श्री सोनी ने बताया कि अवैध प्लॉटिंग में रोड रास्ते की भूमि के लिए छोड़ी गई भूमि की जांच राजस्व अधिकारी व्दारा की जा रही है.
  800 सौ परिवारों को जिनकी बात कही जा रही है उनमें जिनकी भूमि 2900 वर्गफुट से अधिक थी उन्हें शासन के आदेश से एक स्लैब ऊपर की अतिरिक्त भूमि का आवंटन किया गया है. यह आवंटन कमल विहार में अधोसंरचना विकास के मद में आरक्षित रखी गई 10 प्रतिशत भूमि में से किया गया है. श्री सोनी ने कहा कि श्री सत्यनारायण शर्मा जी का यह कहना की 3500 परिवारों को धमकी दे कर अनुबंध कराया है यह भी पूर्णत निराधार है. भूस्वामियों ने अपनी सहमति से अनुबंध किया है. अनुबंध में स्पष्ट उल्लेख है कि यह प्रोविजनल अनुबंध है स्थल पर कब्जा देते समय अंतिम अनुबंध किया जाएगा. इसके पश्चात ही संबंधित विकसित भूखंड भूस्वामी के नाम से दर्ज होगा. जहां तक भूअर्जन की बात है इसकी कार्रवाई नियमों के अन्तर्गत भूअर्जन अधिकारी रायपुर व्दारा की जाती है रायपुर विकास प्राधिकरण व्दारा नहीं.
      श्री सोनी ने कहा कि श्री शर्मा कभी 3500 परिवारों की बात करते हैं कि उन्हें धमकी दे कर अनुबंध कराया गया है और कभी 800 परिवारों की बात करते हैं कि उन्हें आरडीए भूखंड नहीं दे रहा है. इन दोनों बातों पर वे पहले स्वयं ही आश्वस्त हो लें कि वे क्या कहना और समझना चाहते हैं. 

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