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Nov 3, 2009

रायपुर विकास प्राधिकरण की नई टॉऊन डेव्लपमेंट स्कीम - कमल विहार -

रायपुर विकास प्राधिकरण की नई टॉऊन डेव्लपमेंट स्कीम

- कमल विहार -
ग्राम डूंडा, टिकरापारा, बोरियाखुर्द, देवपुरी तथा डूमरतराई के
भूस्वामियों के साथ संवाद
03 नवंबर 2009 को शहीद स्मारक भवन, रायपुर में
श्री अमित कटारिया,मुख्य कार्यपालन अधिकारी
रायपुर विकास प्राधिकण द्वारा की गई प्रस्तुति.
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• पिछले कुछ दशकों में रायपुर शहर का विस्तार काफी तेजी से हुआ है.
• शहर विस्तार से समस्याएं भी बढ़ी हैं.
• रायपुर शहर के सुव्यवस्थित विकास के लिए पहले जो नगर विकास योजनाएं बनाई गई थी उन योजनाओं का सही दिशा में क्रियान्वयन नहीं हो पाया. इस कारण राययपुर का समुचित विकास नहीं हो सका.
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• शहर में ऐसी हैं समस्याएं
• रायपुर शहर के खमतराई, भनपुरी, रामनगर जैसे कई नए क्षेत्र आज सकरी सड़कों, अव्यवस्थित बसाहट होने, पानी एवं नालियों के अभाव और गंदगी के कारण काफी बदतर स्थिति में हैं.
• आवासीय, कृषि एवं अन्य उपयोग की भूमि पर अवैध तथा सुविधाहीन कालोनियों के निर्माण से नागरिकों की समस्याएं बढ़ी हैं.
• राजधानी बनने के बाद से रायपुर की आबादी तेजी से बढ़ी है.
• बढ़ती आबादी के अनुपात में आवासीय, व्यावसायिक एवं सार्वजनिक एवं सामाजिक सुविधाएं नहीं बढ़ी हैं.
• सुविधाएं नहीं बढ़ने से नागरिकों की परेशानियां विकराल स्वरूप में उभर रही है.
• इन्हीं समस्याओं के निराकरण की दिशा में रायपुर विकास प्राधिकरण 8 टॉऊन डेव्लपमेंट स्कीम तैयार कर रहा है.
• रायपुर विकास प्राधिकरण जनभागीदारी से शहर का विकास करना चाहता है.
• इस दिशा में तैयार की गई टॉऊन डेव्लपमेंट स्कीम एक जांची परखी योजना है.
• योजना की डिजाइन एवं वित्तीय आंकलन हेतु कई स्तरों पर विशेषज्ञों द्वारा व्यापक अध्ययन किया गया है ताकि योजना का स्वरुप व्यवहारिक हो.
एक नई पहल
• रायपुर विकास प्राधिकरण शहर विकास की दिशा में टॉऊन डेव्हलपमेंट स्कीम अर्थात नगर विकास योजना के माध्यम से विकास की दिशा में एक नई पहल कर रहा है.
• प्राधिकरण द्वारा इन योजनाओं को छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 में दिए गए प्रावधानों के अनुरुप प्रस्तावित किया गया है.
• रायपुर विकास प्राधिकरण शहर विकास के लिए 8 नई योजनाएं तैयार कर रहा है. इनमें से सबसे पहले कमल विहार इन्टीग्रेटेड टॉऊनशिप योजना का प्रस्ताव तैयार किया गया है. ये योजनाएं रायपुर विकास योजना पुनर्विलोकित 2021 अर्थात मास्टर प्लॉन के अनुसार तैयार की जा रही हैं.
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• रायपुर शहर की सुव्यवस्थित एवं सुविधायुक्त बसाहट के लिए बनाई जा रही 8 नगर विकास योजनाओं में से पहली पायलट योजना के रुप में प्राधिकरण द्वारा टॉऊन डेव्हलपमेंट स्कीम – 04
- कमल विहार -
आरंभ की जा रही है.
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विकास योजना की प्रक्रिया
प्रक्रिया – 01 : योजना क्षेत्र का सर्वेक्षण
प्रक्रिया – 02 : योजना की सीमा निर्धारण
प्रक्रिया – 03 :
(अ) खसरा सीमा का अकंन एवं सूची तैयार करना.
(ब) खसरा क्षेत्रफल की गणना.
(स) प्रकाशन के लिए प्रारुप योजना तैयार करना.
प्रक्रिया – 04 : योजना क्षेत्र में मास्टर प्लॉन के अनुसार सड़कों का अकंन.
प्रक्रिया – 05 :
(अ) योजना क्षेत्र में नए मुख्य मार्गो का प्रस्ताव
(ब) सेक्टरों की सीमा का निर्धारण
प्रक्रिया – 06 : सेक्टरों में आवासीय, व्यावसायिक, संस्थागत,सामाजिक एवं आमोद – प्रमोद व अन्य सार्वजनिक उपयोग के लिए योजना का आंकल्पन.
प्रक्रिया – 07 : भूखंडों का पुनर्गठन
(अ) प्रत्येक भूस्वामी की भूमि के बदले दिए जाने वाले भूखंड की गणना कर सूची तैयार करना.
(ब) सेक्टर का अभिन्यास तैयार कर भूस्वामियों को दिए जाने वाले भूखंड का अकंन (मूल भूमि अथवा उसके नजदीक)
प्रक्रिया – 08 : सेक्टर अभिन्यास तैयार कर खसरा नक्शे में चिन्हांकन.
प्रक्रिया – 09 : सेक्टर का विस्तृत अभिन्यास
 ग्रिड पध्दति पर आधारित अभिन्यास
 अधिक्तम भू उपयोग का अभिन्यास.
 सुविधाजनक परिचालन पथ.
 प्रमुख मार्गों से सीधे प्रवेश के बदले अन्य सुरक्षित मार्गों से प्रवेश.
• अभिन्यास की स्वीकृति के साथ ही भू स्वामियों को उनकी मूल भूमि के बदले 35 %विकसित भूखंड दिया जाएगा.
• सभी भूस्वामी को दिए जाने वाले आवासीय भूखंड को सीधे सड़क उपलब्ध होगी.
• आमोद – प्रमोद, हरित क्षेत्र एवं सार्वजनिक व अर्ध्द सार्वजनिक क्षेत्र के भूस्वामियों को भी आवासीय भूखंड दिए जाएंगे.
• मूल भूमि का उपयोग व्यावसायिक होने पर भूस्वामी को 35% व्यावसायिक भूमि का भूखंड दिया जाएगा.
- कमल विहार योजना : विवरण -
• योजना का क्षेत्रफल - 879 हेक्‍टेयर (2171 एकड़)
• योजना क्षेत्र - ग्राम डूंडा,टिकरापारा,बोरियाखुर्द, देवपुरी तथा डूमरतराई के भाग
• सेक्टर की संख्या - 15
• अनुमानित लागत - लगभग 900 करोड रुपए
• योजना अवधि - 5 वर्ष
- भूमि का प्रस्ताव -
• योजना क्षेत्र के भूस्‍वामियों को दी जाने वाली भूमि का क्षेत्रफल - उनके मूल रकबे का 35%
• भूखंड का न्यूनतम आकार - 40 वर्गमीटर (430 वर्गफुट)

- कमल विहार योजना का प्रस्ताव -
• प्रस्‍तावित विकास कार्य -
योजना स्‍तर पर
(1) योजना क्षेत्र में मास्‍टर प्‍लान में प्रस्‍तावित समस्‍त मार्ग रिंग रोड नं. 4 एवं बायपास मार्ग.
(2) जल प्रदाय हेतु फिल्‍टर प्‍लांट, राइजिंग मेन एवं ओवर हैड टैंकों निर्माण
(3) समस्‍त मार्गों पर प्रकाश व्‍यवस्‍था.
(4) आमोद-प्रमोद हेतु आरक्षित लगभग 245 एकड़ क्षेत्र (बोरिया तालाब सहित) का विकास कार्य.
सेक्‍टर स्‍तर पर
(1) सड़कों का निर्माण.
(2) नाली, पुलियों एवं सर्विस डक्‍ट का निर्माण.
(3) पेयजल व्‍यवस्‍था.
(4) बाह्य विद्युतीकरण सब स्‍टेशन निर्माण सहित.
(5) विकेन्‍द्रीकृत ट्रीटमेंट प्‍लांट सीवर लाइन सहित.
(6) उद्यानों का विकास.
- विकास कार्य हेतु राशि की व्यवस्था -
(अ) 35% विकसित भूखंड देने व अन्य नागरिक सुविधाओं के लिए भूमि छोड़ने के पश्चात प्राधिकरण के पास शेष विक्रय योग्य भूमि के विक्रय से प्राप्‍त राशि से यथा संभव समस्‍त विकास कार्य किया जाना प्रस्‍तावित है.
(ब) योजना क्षेत्र के भूस्‍वामियों से विकास के मद में यथासंभव न्‍यूनतम राशि ली जाना प्रस्‍तावित है.
- भूमि का मूल्‍यांकन -
(अ) योजना क्षेत्र में आने वाली भूमि का मूल्‍यांकन रायपुर के कलेक्‍टर गाईड लाईन में दी गई दरों के आधार पर किया जा रहा है.
(ब) विकसित भूखण्‍डों का मूल्‍यांकन योजना क्षेत्र की भूमियों के औसत दर एवं लोकेशन के आधार पर किया जा रहा है.
- पूर्व निर्मित संरचनाएं -
(1) योजना में सम्मिलित ग्रामों की मूल बस्तियों के क्षेत्र को योजना में सम्मिलित नहीं किया गया.
(2) योजना क्षेत्र में पूर्व से निर्मित संरचनाओं से एवं अनुमोदित कॉलोनियों के स्‍वामियों से आंशिक विकास शुल्‍क लिया जाना प्रस्‍तावित है
- भू स्वामियों को होने वाले लाभ -
(1) छोटे भूस्वामियों को नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से भूखंड के अभिन्यास (Layout) के अनुमोदन की आवश्‍यकता नहीं होगी किन्तु उन्हें निर्माण कार्य हेतु सक्षम अधिकारी से भवन अनुज्ञा प्राप्त करनी होगी.
(2) बडे़ भूस्वामियों को भूखंडों को विकसित करते समय अथवा भवन निर्माण के समय आर्थिक रुप से कमजोर (EWS) वर्ग के लिए भूमि एवं सामुदायिक खुले क्षेत्र छोड़ने की आवश्‍यकता नहीं होगी.
(3) नगर विकास योजना के क्रियान्वयन से भूमिस्‍वामियों को उनके विकसित भूखण्‍डों की कीमतों में लगभग तीन से चार गुना या उससे भी ज्यादा वृद्धि होने की संभावना है.
(4) योजना के अंतर्गत भूस्‍वामियों को यथासंभव उनकी मूल भूमि के समीप पुनर्गठित विकसित भूखंड उपलब्‍ध कराया जाएगा. हर भूखंड को सड़क उपलब्‍ध होगी.
(5) भूमिस्‍वामियों को प्राप्त होने वाले विकसित भूखण्‍ड पूर्णतः फ्रीहोल्‍ड होंगे.
(6) भूस्वामियों को प्राप्त होने वाले भूखंड पर आसानी से ऋण उपलब्ध होगा.
(7) योजना का क्षेत्र सुव्यवस्थित एवं नागरिक सुविधायुक्त होगा.
- योजना के भूखंडों के मूल्य बढ़ने के कारक -
(1) योजना में 42 एकड़ (वृहद स्तर) का सी.बी.डी. अर्थात केन्द्रीय व्यवासायिक क्षेत्र का प्रावधान.
(2) आमोद – प्रमोद के लिए 245 एकड़ (वृहद स्तर ) का भूमि प्रावधान.
(3) सार्वजनिक व अर्ध्दसावर्जनिक उपयोग हेतु 57 एकड़ भूमि का प्रावधान.
(4) भूखंड का पूर्णतः फ्रीहोल्‍ड होना.
(5) उच्च स्तरीय अधोसंरचना विकास .
(6) छ्त्तीसगढ़ शासन द्वारा स्वीकृत योजना.
 जनभागीदारी से शहर का विकास
• छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को राजधानी का स्वरुप देने के लिए जनभागीदारी आवश्यक है.
• रायपुर विकास प्राधिकरण अपने दायित्व के अनुसार देश की सबसे बेहतर टॉऊन डेव्हलमेंट योजना का क्रियान्यवन कर नागरिकों को बेहतर जीवन के लिए नागरिक सुविधाएं देने तत्पर है.
• आप नागरिकों का सहयोग रायपुर को बेहतर व्यस्थित और सुन्दर बनाएगा.
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