मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने दी योजना की स्वीकृति
रायपुर 27 जून 2009, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि रायपुर शहर को मास्टर प्लॉन के अनुसार व्यवस्थित रुप से विकसित किया जाएगा.इस हेतु उन्होंने रायपुर विकास प्राधिकरण की टॉऊन डेव्लपमेंट स्कीम शुरु करने के लिए राज्य शासन से राशि दिए जाने की भी सहमति प्रदान की.प्राधिकरण टाटीबंध रिंग रोड से तेलीबांधा रिंग रोड के किनारे तथा बलौदाबाजार मार्ग तक के सभी गांवों को आठ सेक्टरों में विभाजित टॉऊन डेव्हलपमेंट स्कीम का क्रियान्वयन करेगा.
मंत्रालय में आज हुई एक बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि रायपुर शहर में अधोसंरचना विकास नहीं होने के कारण दिक्कतें बढ़ी है. इसलिए राजधानी को सुव्यवस्थित रुप विकासित करने की आवश्यक्ता है.उन्होंने कहा कि प्राधिकरण की इन योजनाओं के साथ छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल का भी सहयोग लिया जा सकता है. आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री राजेश मूणत ने इस अवसर पर कहा कि विकास योजना के अनुरुप शहर का विकास किए जाने से आम लोगों की भूमि एवं आवास से संबंधी दिक्कतें भी दूर होगी और उन्हे राहत मिलेगी.
टॉऊन डेव्हलपमेंट स्कीम (नगर विकास योजना)की अवधारणा के संबंध में रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री एस.एस. बजाज और मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अमित कटारिया नें मुख्यमंत्री के समक्ष एक प्रस्तुतिकरण किया.उन्होंने बताया कि रायपुर की उत्तर दिशा में औद्योगिक विकास के साथ आबादी का अनियोजित विकास हुआ है. इस कारण वहां व्यवस्थित रुप से विकास की संभावना कम है. वर्तमान में रिंग रोड नम्बर 2 के साथ लगे हुए क्षेत्र में मास्टर प्लॉन में दिए गए भू उपयोग के अनुसार विकास की बेहतर संभावना है.श्री कटारिया ने कहा कि टॉऊन डेव्हलपमेंट स्कीम के अन्तर्गत हम इन क्षेत्रों में भूअर्जन कर भूखंड विकसित नहीं करेंगे वरन योजना क्षेत्र अधोसंरचना का विकास कर बदले में भूस्वामियों को उनके क्षेत्र में ही लगभग 30 प्रतिशत विकसित भूमि देगें. अन्य भूमि सड़क, नाली, उद्यान, खेल मैदान इत्यादि में उपयोग होगी. योजना में आने वाली व्यावसायिक उपयोग की भूमि के विक्रय से जो राशि प्राप्त होगी उससे अधोसंरचना का विकास किया जाएगा.
बैठक में बताया गया कि मास्टर प्लॉन में भू उपयोग के अनुसार ही अधोसंरचना विकसित किया जाएगा. टॉऊन डेवल्पमेंट स्कीम के क्रियान्वयन से भूस्वामियों के भूखंड की कीमत भी काफी वृध्दि होगी और इसके विक्रय से उन्हे अच्छा लाभ होगा. श्री कटारिया ने बताया कि अब तक रायपुर शहर में विकास योजना के अनुरुप वृहद रुप से विकास नहीं हुआ है पूर्व में जो भी विकास हुआ है वह छोटे स्तर पर हुआ है. वर्तमान में राजधानी के बढ़ते स्वरुप के फलस्वरुप अहमदाबाद शहर में रिंग रोड के विकास मॉडल के अनुरुप टॉऊन डेव्हलपमेंट स्कीम लिया जाना आवश्यक हो गया है.
श्री कटारिया ने बताया कि प्राधिकरण ने टाटीबंध रिंग रोड से तेलीबांधा रिंग रोड तक के किनारे तथा बलौदाबाजार मार्ग तक के सभी क्षेत्रों को आठ सेक्टरों में विभाजित कर सर्वेक्षण करवा लिया गया है.इन क्षेत्रों में मास्टर प्लॉन के में दिए गए भूउपयोग के अनुसार बेहतर विकास की संभावनाएं है.
आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री राजेश मूणत ने बैठक में कहा कि राज्य सरकार ने काफी समय से भूखंड आवंटन की कोई योजना नहीं बनाई है इसलिए शहर का अनियोजित विकास हुआ है. राजधानी के व्यवस्थित विकास के लिए प्राधिकरण के माध्यम से टॉऊन डेव्हलपमेंट स्कीम तैयार होना समय की मांग है. इन योजनाओं में सर्वेक्षण कार्य पूरा हो चुका है इसलिए आगामी तीन सालों में शहर को व्यवस्थित स्वरुप दिया जा सकता है. बैठक में मुख्य सचिव श्री पी.जॉए. ओम्मेन, आवास एवं पर्यावरण सचिव श्री बैजेन्द्र कुमार,मुख्यमंत्री के विशेष सचिव श्री अमन सिंह, मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव व छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के आयुक्त श्री सुबोध कुमार सिंह,रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री एस.एस. बजाज, मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अमित कटारिया उपस्थित थे.
टॉऊन डेव्हलपमेंट स्कीम (नगर विकास योजना)की अवधारणा के संबंध में रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री एस.एस. बजाज और मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अमित कटारिया नें मुख्यमंत्री के समक्ष एक प्रस्तुतिकरण किया.उन्होंने बताया कि रायपुर की उत्तर दिशा में औद्योगिक विकास के साथ आबादी का अनियोजित विकास हुआ है. इस कारण वहां व्यवस्थित रुप से विकास की संभावना कम है. वर्तमान में रिंग रोड नम्बर 2 के साथ लगे हुए क्षेत्र में मास्टर प्लॉन में दिए गए भू उपयोग के अनुसार विकास की बेहतर संभावना है.श्री कटारिया ने कहा कि टॉऊन डेव्हलपमेंट स्कीम के अन्तर्गत हम इन क्षेत्रों में भूअर्जन कर भूखंड विकसित नहीं करेंगे वरन योजना क्षेत्र अधोसंरचना का विकास कर बदले में भूस्वामियों को उनके क्षेत्र में ही लगभग 30 प्रतिशत विकसित भूमि देगें. अन्य भूमि सड़क, नाली, उद्यान, खेल मैदान इत्यादि में उपयोग होगी. योजना में आने वाली व्यावसायिक उपयोग की भूमि के विक्रय से जो राशि प्राप्त होगी उससे अधोसंरचना का विकास किया जाएगा.
बैठक में बताया गया कि मास्टर प्लॉन में भू उपयोग के अनुसार ही अधोसंरचना विकसित किया जाएगा. टॉऊन डेवल्पमेंट स्कीम के क्रियान्वयन से भूस्वामियों के भूखंड की कीमत भी काफी वृध्दि होगी और इसके विक्रय से उन्हे अच्छा लाभ होगा. श्री कटारिया ने बताया कि अब तक रायपुर शहर में विकास योजना के अनुरुप वृहद रुप से विकास नहीं हुआ है पूर्व में जो भी विकास हुआ है वह छोटे स्तर पर हुआ है. वर्तमान में राजधानी के बढ़ते स्वरुप के फलस्वरुप अहमदाबाद शहर में रिंग रोड के विकास मॉडल के अनुरुप टॉऊन डेव्हलपमेंट स्कीम लिया जाना आवश्यक हो गया है.
श्री कटारिया ने बताया कि प्राधिकरण ने टाटीबंध रिंग रोड से तेलीबांधा रिंग रोड तक के किनारे तथा बलौदाबाजार मार्ग तक के सभी क्षेत्रों को आठ सेक्टरों में विभाजित कर सर्वेक्षण करवा लिया गया है.इन क्षेत्रों में मास्टर प्लॉन के में दिए गए भूउपयोग के अनुसार बेहतर विकास की संभावनाएं है.
आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री राजेश मूणत ने बैठक में कहा कि राज्य सरकार ने काफी समय से भूखंड आवंटन की कोई योजना नहीं बनाई है इसलिए शहर का अनियोजित विकास हुआ है. राजधानी के व्यवस्थित विकास के लिए प्राधिकरण के माध्यम से टॉऊन डेव्हलपमेंट स्कीम तैयार होना समय की मांग है. इन योजनाओं में सर्वेक्षण कार्य पूरा हो चुका है इसलिए आगामी तीन सालों में शहर को व्यवस्थित स्वरुप दिया जा सकता है. बैठक में मुख्य सचिव श्री पी.जॉए. ओम्मेन, आवास एवं पर्यावरण सचिव श्री बैजेन्द्र कुमार,मुख्यमंत्री के विशेष सचिव श्री अमन सिंह, मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव व छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के आयुक्त श्री सुबोध कुमार सिंह,रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री एस.एस. बजाज, मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अमित कटारिया उपस्थित थे.
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