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Feb 26, 2009

आरडीए शहर के चारो ओर समन्वित शहर विकास की 9 नई बड़ी योजनाएं बनाएगा









0 आरडीए का नगद आवक – जावक का 1 अरब 9 करोड़ 24 लाख 98 हजार का बजट 0
विकास योजनाओं पर 78.90% का व्यय और स्थापना पर 6.89%, नगर निगम को हस्तांतरित होगीं 09 कालोनियां, भूखंडों के पट्टों का नवीनीकरण शपथपत्र देने पर, राज्य शासन की मदद से इ – गवर्नेंस योजना लागू करने की पहल, मास्टर प्लान का क्रियान्वयन करेगा आरडीए, टाटीबंध में भी ट्रांसपोर्टनगर
रायपुर, 26 फरवरी 2009, राजधानी के बढ़ते स्वरुप को बेहतर बनाने की दिशा में रायपुर विकास प्राधिकरण ने वर्ष 2009 - 10 के बजट में नौ नई बड़ी योजनाएं प्रस्तावित की हैं. रायपुर के समन्वित विकास की दिशा में प्राधिकरण की इस पहल से उम्मीद है कि शहर के विकास में पूंजी निवेश को तो बढ़ावा मिलेगा ही और साथ ही अच्छी अधोसंरचना का विकास भी होगा. प्राधिकरण के संचालक मंडल की बजट बैठक में उसके द्वारा विकसित 9 कालोनियों को भी नगर निगम के हस्तांतरण किए जाने की बात कही गई है. नागरिकों को एकल खिड़की सुविधा देने के बाद अब राज्य शासन की मदद से इ – गवर्नेंस योजना लागू करने की भी पहल प्राधिकरण द्वारा की जाएगी. प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री एस.एस. बजाज ने आज एक प्रेस वार्ता में उक्त जानकारी दी.
प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अमित कटारिया ने कल हुई संचालक मंडल की बैठक में वर्ष 2009-10 का नगद आवक – जावक का बजट प्रस्तुत किया. बजट एक अरब नौ करोड़ चौबीस लाख अठानबे हजार रुपए का है. जिसमें 89 करोड 67 लाख 68 हजार रुपए की आय तथा एक अरब 8 करोड़ 42 लाख 11 हजार का व्यय संभावित है. प्राधिकरण कोष में पूर्व से ही 19 करोड़ 57 लाख 30 हजार रुपए जमा है. बजट में प्राधिकरण की विकास एवं निर्माण योजनाओं में 86 करोड़ 20 लाख 10 हजार रुपए खर्च होगें जो बजट का 78.90 प्रतिशत है. स्थापना में 7 करोड़ 53 लाख 7 हजार का व्यय होगा जो बजट का 6.89 प्रतिशत है. जबकि कार्यालय एवं प्रशासनिक व्यय के लिए एक करोड़ 90 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है.
अध्यक्ष श्री एस.एस.बजाज व सीईओ श्री अमित कटारिया ने कहा कि राजधानी बनने के बाद रायपुर की जनसंख्या में बेतहाशा वृध्दि हुई है. वर्तमान में शहर की आबादी लगभग 11 लाख है. 2011 तक यह बढ़कर 15 लाख और सन् 2021 में 25 लाख हो जाएगी. इसीलिए आरडीए रायपुर विकास योजना 2021 (मास्टर प्लॉन) के अनुरुप राजधानी का विकास करेगा. उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान के क्रियान्वयन की दिशा में युक्तियुक्त ढ़ंग से कार्य नहीं होने के कारण शहर में अवांछित भूमि का विकास हुआ और अनाधिकृत कालोनियां बढ़ी है. अनियोजित रुप से सामूहिक आवासों का निर्माण तथा निचले क्षेत्रो में गन्दी बस्तियों का विकास हुआ है जिससे नहर व तालाबों में प्रदूषण बढ़ा है. निम्न स्तरीय भौतिक एवं सामाजिक अधोसंरचना वाले क्षेत्रों का विकास हुआ. वाणिज्यिक क्षेत्रों के केन्द्रीकरण से सकरी सड़कें व गलियां बनी. सड़को पर अतिक्रमण व अवैध पार्किंग से कई समस्याएं उठ खड़ी हुई है. इसलिए राज्य शासन की मंशा के अनुरुप प्राधिकरण द्वारा शहर के बाहरी इलाकों में नई योजनाएं बनाने का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जाएगा. इस हेतु नौ स्थानों को चिन्हित किया गया है. इनमें टाटीबंध में रेल्वे लाईन के समांतर लगभग 260 एकड़ रिक्त भूमि पर एक और ट्रांसपोर्टनगर विकसित किए जाने का प्रस्ताव है. यहां पहले से ही प्राधिकरण द्वारा मैकेनिक नगर विकसित किया गया है. रायपुरा व सरोना, भाठागांव, बोरियाखुर्द, डूंडा में कमल विहार योजना, देवपुरी, डुमरतराई, लाभान्डीह, दलदल सिवनी में बड़ी समन्वित विकास की योजनाएं तैयार किए जाने का प्रस्ताव है. भनपुरी से हीरापुर की रिंग रोड के किनारे के रिक्त भूमि में भी योजनाएं बनाने पर भी विचार किया जा रहा है. श्री बजाज ने कहा कि इन सभी योजनाओं क्षेत्रों का विकास योजना के अनुरुप आवासीय, व्यावसायिक, प्रशासनिक व संस्थागत, शैक्षणिक, सार्वजनिक, अर्ध्द सार्वजनिक, मंडी, आमोद - प्रमोद, मिश्रित भू उपयोग, सामाजिक, सांस्कृतिक, डेयरी, उद्यान, वर्गीकृत बाजार, साप्ताहिक बाजार, आमोद – प्रमोद, मनोरंजन स्थल, खेल मैदान विकसित किए जाने पर विचार किया जा रहा है. प्राधिकरण द्वारा शीघ्र ही इन स्थानों का सर्वेक्षण कर योजनाएं तैयार कर उसे शासन की स्वीकृति के लिए भेजेगा. उन्होंने कहा कि शहर में बेहतर अधोसंरचना विकसित करने के लिए प्राधिकरण बड़ी योजनाओं पर ही काम करेगा इसमें रिंग रोड का निर्माण भी शामिल है. जिससे राजधानी वासियों को संपूर्ण रुप से यह अहसास हो कि नई तकनीक व प्रौद्योगिक परिवर्तन के साथ शहर का भी बेहतर विकास हो सकता है.
आरडीए के सीईओं श्री कटारिया ने कहा कि प्राधिकरण का कार्य नई योजनाएं बनाना और उसे विकसित करना है इसके बाद रख रखाव अर्थात संधारण का कार्य नगर निगम का है. इसीलिए प्राधिकरण द्वारा पूर्ण रुप से विकसित की गई कालोनियों को शीघ्र ही नगर निगम रायपुर को हस्तांतरित कर दी जाएगी. इसमें शैलेन्द्रनगर, कटोरातालाब सेक्टर 1, 5, 6 व 7, न्यू राजेन्द्रनगर व पुराना राजेन्द्रनगर, देवेन्द्रनगर सेक्टर 4 व 5, कपड़ा मार्केट, शारदा चौक आवासीय एवं व्यावसायिक योजना, सांई नगर, इंदिरा प्रियदर्शनी नगर (त्रिमूर्तिनगर,फाफाडीह), एल. पी. जी. शवदाह गृह, मठपुरैना योजना तथा टाटीबंध मैकेनिक नगर को नगर निगम को सौपने का प्रस्ताव बजट में पारित किया गया. उन्होंने बताया कि इससे पूर्व 1991 में प्राधिकरण द्वारा देवेन्द्रनगर सेक्टर 1,2 व 3, जलविहार तथा टिकरापारा कालोनी रखरखाव के लिए नगर निगम को हस्तांतरित किया था. उन्होंने कहा कि प्राधिकरण में इ – गवर्नेंस योजना लागू करने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा गया है. इसके अन्तर्गत प्राधिकरण की कार्यालयीन गतिविधियों का कम्प्यूटरीकरण कर हितग्राहियों को बेहतर और त्वरित सेवा देने का प्रयास किया जाएगा. प्राधिकरण की निविदाएं प्रक्रिया भी ई – टेन्डरिंग के अन्तर्गत लाई जाएंगी.
श्री बजाज ने बताया कि गरीबों के लिए रायपुरा में डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी आवास योजना के अन्तर्गत 972 फलैट्स अप्रैल तक बन कर तैयार हो जाएंगे. यहां बुनियादी सुविधाओं के लिए 10 दुकानें तथा सामुदायिक हॉल का निर्माण भी मई तक पूरा कर लिया जाएगा. इसी प्रकार बोरियाखुर्द में 1800 फ्लैट्स सहित 30 दुकानें तथा दो कम्युनिटी हॉल का निर्माण सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा. गरीबों के बन रहे इस योजना में गरीबों के लिए फ्लैट्स का पंजीयन प्राधिकरण कार्यालय में किया जा रहा है. पंजीयन की राशि मात्र 20 हजार रुपए हैं. रायपुरा में प्रस्तावित 302 डुप्लेक्स फ्लैट्स का निर्माण शीघ्र ही शुरु कर दिया जाएगा साथ ही यहां 120 मल्टीस्टोरी फ्लैट्स बनाया जाना प्रस्तावित है. डॉ. खूबचंद बघेल ट्रांसपोर्टनगर रावांभाठा की जानकारी देते अध्यक्ष ने कहा वहां एक हजार से ज्यादा भूखंड विकसित किए गए है. ट्रांसपोर्टनगर में कारोबार में तेजी लाने के लिए लगभग 97 वर्गफुट की 135 दुकानें बनाने का निर्णय लिया गया है. योजना क्षेत्र में दो सुलभ शौचालय और ट्रक चालकों और क्लीनर के लिए विश्राम के लिए चार शेड का निर्माण भी किया जा रहा है. प्राधिकरण द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में विद्युत शवदाह गृह को परिवर्तित कर एल.पी.जी.शवदाह गृह को भी अच्छी सफलता मिली है. नगर की स्वयंसेवी संगठन बढ़ते कदम द्वारा भी एल.पी.जी.शवदाह गृह में अंतिम संस्कार के लिए लोगो को प्रेरित किए जाने के कारण जनमानस में इसके प्रति एक सकारात्मक सोच विकसित हुई है. बाजारों के विकेन्द्रीकरण की दिशा में न्यू राजेन्द्रनगर में गोविंद सांरग व्यावसायिक परिसर का निर्माण पूर्णता की ओर है. कटोरातालाब सेक्टर 6-7 में भक्त माताकर्मा व्यावसायिक परिसर का निर्माण इसी साल पूरा हो जाएगा. बैठक में इस साल के अंत तक बन कर पूरा हो जाने वाले देवेन्द्रनगर के सिटी सेन्टर कम मल्टीप्लेक्स के चारो ओर क्रांक्रीट सड़क निर्माण को भी स्वीकृति दी गई. भूखंड के पट्टा नवीनीकरण के संबंध में निर्णय लिया गया कि भूखंडधारियों द्वारा अतिरिक्त निर्माण कि स्थिति में नियमितीकरण कराए जाने का शपथपत्र दिए जाने पर नवीनीकरण किया जाएगा. प्राधिकरण के उप अभियंताओं को चार स्तरीय वेतनमान एवं अन्य कर्मचारियों को समयमान वेतनमान देने के शासन के आदेश पर भी सहमति व्यक्त की गई.प्राधिकरण की कल हुई संचालक मंडल की बजट बैठक में अध्यक्ष श्री एस.एस. बजाज, आरडीए के सीईओ व आयुक्त नगर निगम श्री अमित कटारिया, उप सचिव छत्तीसगढ़ शासन, आवास एवं पर्यावरण श्री एम.डी.दीवान, संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश छत्तीसगढ़ के संयुक्त संचालक श्री व्ही. पी. मालवीय, नगर तथा ग्राम निवेश रायपुर के संयुक्त संचालक श्री जाहिद अली, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी के अधीक्षण अभियंता श्री एस. के. चन्दनिहा तथा प्राधिकरण के लेखाधिकारी श्री संदीप सिंह पॉल उपस्थित थे.




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